राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को रविवार को संसद के सेंट्रल हाल में विदाई दी गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश की एकता संविधान का आधार है और संविधान की रक्षा करने की उन्होंने पूरी कोशिश की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन मौजूद रहे।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के घर पर हुई छापेमारी की निंदा की है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार बदले की भावना के चलते यह कार्रवाई कर रही है।
जीवन भर अपने राजनीतिक फैसलों से लोगों को चौंकाते रहे मुलायम सिंह यादव को उनके भाई शिवपाल यादव ने अपने सेक्युलर मोर्चे का मुखिया बनाने का ऐलान किया है। यह शिवपाल के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव केे राजनीतिक कौशल और साख का बड़ा इम्तेहान होगा।
नारदा स्टिंग प्रकरण में कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं पर मामला दर्ज किया है जिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे राजनीतिक खेल बताया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार किशोर एथलीट्स के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक्स की अपेक्षा पानी पीना ज्यादा बेहतर है क्योंकि ऊर्जा वाले पेय पदार्थ ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) बढ़ा सकते हैं। कई लोग खेलों के साथ स्पोर्ट्स ड्रिंक्स को जोड़ते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह पेशेवर खिलाडि़यों को भी ऐसा करते देखते हैं।
देश के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने आज कहा कि चुनावी वादे आम तौर पर पूरे नहीं किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र सिर्फ कागज का एक टुकड़ा बन कर रह जाता है, इसके लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
भगवान कृष्ण पर आपत्तिजनक ट्वीट कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में जाने-माने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ नया मामला दर्ज कराया गया है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ यादव से मिले। यादव के साथ उनके बेटे आदित्य यादव भी थे। सीएम योगी के 5 कालिदास मार्ग के आवास पर शिवपाल मिलने पहुंचे। इस मुलाक़ात को यूपी में राजनीतिक मंच पर अलग ढंग से देखा जा रहा है।
यूपी विधानसभा में करारी हार झेल रही बसपा सुप्रीमो मायावती को आगामी दिनों में और झटके लग सकते हैं। मीडिया में खबर है कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को मिली हार से खिजियाए कुछ असंतुष्ट नेता 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर एक अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं।