आज शाम चार बजे दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में भारतीय जनता पार्टी के 52 रज्यसभा सांसदों की बैठक होने वाली है। बैठक के पहले सत्र की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह करेंगे।
उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में अभी हाल ही में लौटे अमर सिंह पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिंह ने पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों को अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की धमकी दी है।
संसद की एक समिति ने भ्रष्टाचार विरोधी एक नए कानून को प्रस्तावित किया है जिसके तहत किसी काम के एवज में यौन सुख की मांग को रिश्वत के तौर पर माना जाएगा और इसके लिए दंड का प्रावधान होगा।
संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति से नाराज कांग्रेस ने पीएम मुक्त संसद को एक प्रमुख मुद्दा बनाए जाने पर रविवार को जोर दिया और संकेत दिया कि वह शीतकालीन सत्र में इसे आक्रामक तरीके से उठाएगी।
संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल काल के लिए स्थगित कर दिया गया। जीएसटी सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक इस सत्र में पारित हुए। इसको लेकर सरकार बहुत ही गदगद है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इस सत्र को बहुत ही सुचारू रूप से चलने वाला सत्र करार दिया और कहा कि सबसे बड़ी उपलब्धि जीएसटी को पारित कराना था।
राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने कश्मीर की बिगड़ती स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी चुप्पी तोड़ने का अनुरोध किया। घाटी में पिछले 30 दिनों से जारी कर्फ्यू से पैदा हुए संकट के हल के लिए विपक्षी दलों ने वहां राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि हिंदुस्तान का ताज जल रहा है लेकिन उसकी गर्मी दिल्ली तक नहीं पहुंच रही है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मामला उठाया है। स्वामी ने सोमवार को राज्यसभा में मांग की कि अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय में रोजाना सुनवाई होनी चाहिए। स्वामी ने सरकार से मांग की कि वह उच्चतम न्याायलय से इसके लिए अनुरोध करे।
राज्यसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक के पारित हो जाने से देश में नई परोक्ष कर प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हो गया।
वर्षों की जद्दोजहद के बाद भारत में कर-व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता के साथ अपनाए जाने का मार्ग खुल गया। महीनों नहीं वर्षों से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होता रहा।