बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने आज करोड़ों रुपये के एनआरएचएम घोटले पर उनसे पूछताछ करने के सीबीआई के निर्णय को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है और केंद्र सरकार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।
गुजरात में पटेल जाति के लिए जारी आरक्षण आंदोलन बीच ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण नीति की समीक्षा का समर्थन करते हुए कहा है कि इसका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही उन्होंने इसके लिए एक गैर-राजनीतिक समिति गठित का सुझाव दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरक्षण की जरूरत किसे और कितने समय तक है।
मध्य भारत के भील आदिवासियों की संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि मृत और जीवित आत्माएं एक ही साथ एक ही क्षेत्र में निवास करती हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाई जाने वाली इस भील जाति से जुड़ी ऐसी ही कई अन्य परंपराओं और रीति-रिवाजों को विक्रम मोहन ने एक समकालीन नृत्य नाटिका में समेटा है। उन्होंने इसका नृत्य निर्देशन भी किया है।
माहवारी का दर्द महिलाएं ही जान सकती हैं। और इस दौरान कपड़ों पर लगे दाग की परेशानी तो उनके लिए सिरदर्द ही होती है। एक सर्वेक्षण बताता है कि लगभग हर तीसरी महिला माहवारी आने वाले दिनों में अपने कपड़े पहनने में बदलाव करती हैं। यानी वे ऐसे कपड़े पहनना पसंद करती हैं जिन पर यदि अचानक माहवारी शुरू हो जाए तो दाग दिखाई न दे।
कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने पिछले बृहस्पतिवार की शाम लोकप्रिय हिंदी साहित्य और उसमें भी जासूसी कथाओं के बादशाह स्तंभ सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक अनौपचारिक बातचीत आयोजित की। हिंद युग्म प्रकाशन के शैलेश भारतवासी और नीला स्कार्फ और हालिया रिलीज मम्मा की डायरी से चर्चित लेखिका अनु सिंह चौधरी ने उनसे बात की और जाना साहित्य की इस विधा को।
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य हुईं अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता करीब आठ महीने बाद पांचवीं बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लेंगी। उनके साथ 28 मंत्री भी शपथ लेंगे।
चहूं ओर मोदी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तरफ नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, वे सब उन्होंने शुरू कीं। देश-विदेश में रणनीति-कूटनीति उनके कंधों पर ही है। सोशल मीडिया में इस देश के वास्कोडीगामा कहे जाने वाले इस प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर 18 देशों की यात्रा कर ली। यहां तक कि जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है तब भी वह विदेशी जमीन पर नए श्रोताओं से मुखातिब हो रहे हैं। उनके समर्थक इसे नई गतिशील कूटनीति बताते हैं तो आलोचक इसे देश की समस्याओं से मुंह मोडऩा कहते हैं।
बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।