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चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

केंद्र और दिल्ली सरकार की नाक के नीचे हजारों दलित परिवारों के लिए पीने लायक साफ पानी, बच्चों के लिए शिक्षा, सिर छिपाने लायक छोटे फ्लैट, गंदी नालियां और शौचालय साफ करने के लिए सामान और ‌उचित मजदूरी नहीं है।
रोहित वेमुला की मां और भाई ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया

रोहित वेमुला की मां और भाई ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया

दलित छात्र रोहित वेमुला की मां और भाई ने आज डॉ.भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला ने जनवरी में आत्महत्या कर ली थी, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
अमेरिका को 2.36 लाख एच1बी वीजा आवेदन मिले, लॉटरी पूरी

अमेरिका को 2.36 लाख एच1बी वीजा आवेदन मिले, लॉटरी पूरी

अमेरिका को एच1बी वीजा के लिए आवेदन खुलने के पांच दिन में ही 2,36,000 आवेदन मिले। यह भारत समेत देशों के सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच सबसे लोकप्रिय वीजा है और इसके लिए कंप्यूटर लाटरी निकाली जा चुकी है।
क्या सच में महात्मा गांधी ने धर्म को राजनीति से जोड़ा था?

क्या सच में महात्मा गांधी ने धर्म को राजनीति से जोड़ा था?

‘अंडरस्टैंडिंग दी फाउंडिंग फादर्स’ केवल भारत के महान नेताओं के राजनीतिक जीवन को ही समझने का प्रयास नहीं है बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और प्रख्यात विद्वान एवं शिक्षाविद राजमोहन गांधी ने इस किताब में भारतीय राष्ट्रवाद के उन शिल्पकारों की विरासत के आसपास पैदा हो रहे सवालों पर एक रोशनी डालने का प्रयास किया है जो आज राजनीतिक परिचर्चाओं में अच्छी-खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं।
चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

स्वामी दयानंद और राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी समेत कई संत, महात्मा, समाज सुधारकों ने महिलाओं को अंधविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियों से बचाने के लिए जीवन पर्यंत काम किया और क्रांतिकारी बदलाव हुए। इसी भारतीय समाज में किसी मंदिर में महिलाओं के पूजा करने से बलात्कार जैसे अपराध होने या साईं बाबा की पूजा से सूखा पड़ने जैसी बातें शंकराचार्य के रूप में मान्यता प्राप्त स्वामी स्वरूपानंद के मुंह से सामने आना बेहद आश्चर्यजनक और शर्मनाक है।
संसद भवन एनेक्सी में लगी आग, चल रही थी जेडीयू की बैठक

संसद भवन एनेक्सी में लगी आग, चल रही थी जेडीयू की बैठक

संसद भवन एनेक्सी में रविवार को अचानक एक कमरे में आग लग गई। कमरा नं 212 में आग लगने से थोड़ी देर के लिए अफरा-तफारी मच गई लेकिन फौरन ही उस पर काबू पा लिया गया। जिस समय यह आग लगी उसी समय एनेक्सी में ही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी।
पंचायत से संसद तक पार्टी को नई ऊंचाई पर पंहुचाएं: शाह

पंचायत से संसद तक पार्टी को नई ऊंचाई पर पंहुचाएं: शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगले 25 साल में पार्टी को पंचायत से संसद तक जीत की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए और इसे ऐसी इमारत बनाएं कि दुनिया की हर इमारत छोटी पड़ जाए।
नारेबाजी विवाद: छात्रों की सजा पर जेएनयू ले रहा है कानूनी राय

नारेबाजी विवाद: छात्रों की सजा पर जेएनयू ले रहा है कानूनी राय

पिछले दिनों जेएनयू में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम और उसमें कथित तौर पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में की गई नारेबाजी के मामले में कुछ छात्रों को सजा देने के मुद्दे पर जेएनयू ने कानूनी राय मांगी है। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे भी लगाए गए थे।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की गिरफ्तारी पर `एडिटर्स गिल्ड’ ने चिन्ता जताई

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की गिरफ्तारी पर `एडिटर्स गिल्ड’ ने चिन्ता जताई

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और माओवादियों से संबंध का आरोप लगाकर उनकी गिरफ्तारी को लेकर `एडिटर्स गिल्ड’ ने गहरी चिन्ता जताई है। `एडिटर्स गिल्ड’ की जांच टीम ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, बस्तर, रायपुर और केन्द्रीय कारागार का दौरा कर पत्रकारों के उत्पीड़न की खबरों को सही पाया। जांच टीम के प्रकाश दुबे और विनोद वर्मा ने 13 से 15 मार्च के बीच इन इलाकों का दौरा किया। पीड़ित पत्रकारों, वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों से बात की। जगदलपुर और रायपुर में कई सरकारी अफसरों से मिले और रायपुर में मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात की।
चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
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