उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन बनाने को लेकर इसके दो संभावित घटक कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी के बीच मतभेद सामने आए हैं क्योंकि इसमें राष्ट्रीय लोक दल को शामिल किए जाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नया सियासी समीकरण बनाने में जुट गए हैं। मंगलवार को बड़ौत में आयोजित रैली में नीतीश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बदलाव की बयार चल रही है। उन्होने कहा कि रालोद नेता और अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी के पक्ष में जनता का झुकाव हो रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।
राजनीतिक गलियारों में इन दिनो दावे किए जा रहे हैं कि अजित सिंह की पार्टी रालोद और समाजवादी पार्टी में 'डील' हो चुकी है और इसकी बस घोषणा होनी बाक़ी है। मगर वहीं अजित सिंह को निकट से जानने वालों की मानें तो दिल्ली अभी दूर है। बक़ौल उनके सिंह अभी कम से कम एक बार ताश के पत्ते और फेंटेंगे और अन्य सम्भावनाओं को टटोलने का पुनः प्रयास करेंगे ।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजित सिंह के बेटे और पूर्व सांसद जयंत चौधरी महागठबंधन बनने को लेकर काफी आशान्वित हैं। चौधरी ने आउटलुक से बातचीत में महागठबंधन की रणनीति को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
जमाना फार्मूले का है। राजनीति भी इससे अछूती नहीं। अब देखिए ना बिहार में गठबंधन का फार्मूला हिट हुआ तो अब उसे उत्तर प्रदेश में भी दोहराने की जुगत लगाई जा रही है। हालांकि शुरूआती दौर में बड़े खिलाड़ी अभी पर्दे के पीछे हैं मगर बातचीत के दौर बता रहे हैं कि बात तो बनकर ही रहेगी। बिहार के नायक नीतीश कुमार इस बार पूरी तरह स्वयं कमान संभाले हुए हैं, उनकी पार्टी जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव तो पिछली सीट पर ही बैठे हैं।
जनता दल (यूनाइटेड) ने आज एेलान किया कि वह उत्तर प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उम्मीदवारों का समर्थन करेगा। बिहार में महागठबंधन की सफलता के बाद अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए जदयू अजित सिंह की पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य दलों से गठजोड़ की संभावना भी तलाश रही है।