राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे। इस अवसर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत एनडीए शासित राज्यों के बीस मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व कई बड़े भाजपा नेता भी होंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने के विपक्ष के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।
आज वे केंद्र में सत्तासीन भाजपा-एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। लेकिन नाम घोषित होने से करीब 20 दिन पहले उन्हें शिमला स्थित प्रेसिडेंसियल इस्टेट परिसर की रिट्रीट बिल्डिंग में प्रवेश से रोक दिया गया। यह बात बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविंद के बारे में है।
एनडीए ने सोमवार को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। कोविंद को 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था।
एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को बेहद अप्रत्याशित माना जा रहा है। हालांकि ‘आउटलुक’ के 8 मई 2017 के अंक में छपी एक स्टोरी में वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने लिखा था कि राष्ट्रपति के लिए भाजपा की ओर से रामनाथ कोविंद का नाम भी चल रहा है।
एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लेकिन इस बीच पत्रकार राना अय्यूूूब की एक टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा प्रवक्ता नूूूूपुुुर शर्मा ने उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई है।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश के रहने वाले एक ‘चाय वाले’ की निगाहें राष्ट्रपति पद पर लगी हैं। इन जनाब का कहना है कि जब एक चाय बेचेने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो राष्ट्रपति क्यों नहीं।