दिल्ली लाया गया डॉ. एपीजे कलाम का पार्थिव शरीर। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति श्रद्धांजलि देने खुद एयरपोर्ट पहुंचे। राजाजी मार्ग स्थित सरकारी आवास पर डॉ. कलाम के अंतिम दर्शन।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के साथ देश ने एक महान वैज्ञानिक, दार्शनिक और युवाओं को प्ररेणा से भर देने वाला व्यक्तित्व खो दिया है। उनकी सादगी और विचारों ने देशवासियों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं हैं, जो जिंदगी के प्रति उनके नजरिए और सोच को जाहिर करते हुए हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
देश को मिसाइल और अंतरिक्ष तकनीक के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकिर जैनुलआबेदिन अब्दुल कलाम का 27 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में मेघालय की राजधानी शिलांग में निधन हो गया।
बंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी से बचाने के लिए कई पार्टी के सांसदों, रिटायर्ड जजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और फिल्म जगत की मशहूर हस्तियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा है।
भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-