Advertisement

Search Result : "लखनऊ महोत्‍सव"

‘विकल्प’ कल से देगा रेल का पक्का आरक्षण

‘विकल्प’ कल से देगा रेल का पक्का आरक्षण

रेलवे ने रविवार से एक नई योजना ‘विकल्प’ शुरू करने की घोषणा की है जिसके तहत प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को अगली ही वैकल्पिक ट्रेन में आरक्षण की सुविधा मिल जाएगी, बशर्ते कि उन्होंने ऑनलाइन टिकट बुक कराया है।
नोएडा जाने से बचे अखिलेश? पीड़‍ितों से लखनऊ में मिले

नोएडा जाने से बचे अखिलेश? पीड़‍ितों से लखनऊ में मिले

गौमांस की अफवाह पर पीट-पीटकर मारे गए मोहम्‍मद अखलाक के परिजनों से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी, महेश शर्मा, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बाद अब उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को अखलाक के परिजनों से मिलने की सुध आई है। लेकिन दादरी जाकर पीड़‍ितों से मिलने के बजाय अखिलेश यादव ने उन्‍हें लखनऊ बुलवा लिया।
बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

लखनऊ के फोटो जर्नलिस्‍ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्‍ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्‍बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
मुलायम सिंह पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

मुलायम सिंह पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

फोन पर धमकी देने के मामले में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की अर्जी पर सुनवाई के बाद लखनऊ की एक अदालत ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
यादों के आइने में अमृतलाल नागर

यादों के आइने में अमृतलाल नागर

पिछले दिनों प्रसिद्ध साहित्यकार और नाच्यो मैं बहुत गोपाल, सुहाग के नुपूर जैसी कालजयी कृतियां लिखने वाले अमृतलाल नागर की 99 वीं बरसी पर बालेंदु शेखर मंगल मूर्त्ति ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया।
दाऊद प्रकरण में संसद में बयान दूंगा: गृहमंत्री

दाऊद प्रकरण में संसद में बयान दूंगा: गृहमंत्री

माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगातार हमलों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि वह जल्द ही इस सिलसिले में संसद में बयान देंगे।
हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement