हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन भेजे जाने के खिलाफ आंदोलन पर उतरे थे। साथ ही वह मोदी सरकार की नीतियों पर भी अपना गुस्सा उतार रहे थे।
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने गये मेट्रो रेल के ठेका कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठियां चलाईं। इससे नाराज कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला फूंक दिया। कर्मचारी श्रम कानूनों के पालन करने की मांग कर रहे थे।