भारत की नये क्रिकेट कोच की लंबे समय से चली आ रही खोज मंगलवार को तब अपने अंतिम चरण में पहुंच गयी जब क्रिकेट सलाहकार समिति ने पूर्व भारतीय कप्तानों अनिल कुंबले और रवि शास्त्री सहित कई अन्य उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये।
पंचकूला में चल रहे तीन दिन के योग प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बाबा रामदेव के इशारों पर दाएं-बाएं घूमे। यानी उन्होंने भी योग की बारीकियां सीखीं। तीन दिन का प्रशिक्षण शिविर 21 जून को की पूर्व तैयारी है।
कुछ दिन पहले प्याज के गिरते दामों ने किसानों को रुलाया तो अब टमाटर के दामों में अचानक आई तेजी आम आदमी के रसोई का बजट गड़बड़ाने लगी है। सिर्फ 15 दिनों में टमाटर के भाव दोगुने तक हो गये हैं। इस तेजी के पीछे मोटी वजह टमाटर की कम आवक है। देश की कई मंडियों में टमाटर के खुदरा दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं। इस तेजी ने आम लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है।
आउटलुक हिंदी ने अपनी वेबसाइट पर तीन जून को वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय के इंटरव्यू के आधार पर खबर प्रकाशित की थी। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह ने उनसे लंबी बातचीत की थी, जो आउटलुक पत्रिका (अंग्रेजी) के 13 जून, 2016 के अंक में प्रकाशित हुई।
हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने एक नए संविधान की जरूरत बताई है। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा कि संविधान पर नए सिरे से विचार किए जाने की जरूरत है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की भाजपा सरकार को झटका देते हुए हाल ही में सरकार द्वारा जाटों और पांच अन्य समुदायों को दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी। हरियाणा सरकार ने इन समुदायों को यह आरक्षण लंबे और हिंसक जाट आंदोलन के बाद दिया था।
असम के गुवाहाटी के खानपारा मैदान में सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रगान से शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कई गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।
टेनिस के नंबर वन खिलाड़ी सार्बिया के नोवाक जोकोविच पर अब टेनिस प्रेमियों की नजरें थम सी गई है। वजह यह है कि वह अब तक अपने कैरियर में लाल बजरी यानी फ्रेंच ओपन का खिताब नहीं जीत पाए हैं। जोकोविच यहां पिछले 11 सालों से हार रहे हैं। लाल बजरी में ही टेनिस सीखने वाले जोकोविच को अपनी इस असफलता का मलाल भी है।