भारत में अगले दो दशकों में ड्रग-रेसिस्टेंट ट्युबरक्युलोसिस (क्षय रोग) के मामलों में इजाफा होने का खतरा मंडरा रहा है। ये दरअसल टीबी का बिगड़ा रूप है जिसमें इस बीमारी के बैक्टीरिया पर दवाएं असर नहीं करतीं। प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार देश में वर्ष 2040 तक इस बीमारी के 10 में से एक मामले ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के हो सकते हैं।
चलता-फिरता आदमी अचानक गिर जाए और उसके शरीर के किसी खास अंग को लकवा मार जाए या फिर उसकी बोली चली जाए या उसकी याद्दाश्त गुम हो जाए और कई बार मरीज की मौत हो जाए तो ऐसे मामलों में सबसे बड़ी आशंका दिमागी स्ट्रोक का शिकार होने की होती है। इसमें दिमाग के किसी खास हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं और उसके कारण उस खास हिस्से से संचालित होने वाले शरीर के अंग अचानक काम करना बंद कर देते हैं।