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विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
जीएसटी पर स्वामी चुप, पार्टी के प्रति वफादारी का दिया हवाला

जीएसटी पर स्वामी चुप, पार्टी के प्रति वफादारी का दिया हवाला

राज्यसभा द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के एक दिन बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि वह अर्थशास्त्र के प्रति अपनी अध्ययनशील प्रतिबद्धता तथा पार्टी के प्रति वफादारी के बीच द्वंद्व के कारण वह इस कानून के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करने से बचेंगे।
पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

आर्थिक उदारीकरण के 25 साल पूरा होने का असली असर कांग्रेस पार्टी पर दिखाई दे रहा है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर 130 साल से अधिक सक्रिय कांग्रेस पार्टी अब इस हालत में पहुंच गई है कि पंजाब-उत्तर प्रदेश में उम्मीदवार के चयन की सूची में शामिल होने के लिए भी ‘वफादारी’ का कानूनी हलफनामा मांगा जा रहा है।
बंगाल में कांग्रेसियों का हलफनामा वफादारी का

बंगाल में कांग्रेसियों का हलफनामा वफादारी का

बंगाल में चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस- वाममोर्चा गठबंधन के बनाए रखने की चुनौती से दोनों पार्टियों के नेता जूझ ही रहे हैं। अब कांग्रेस अपने विधायक दल और पार्टी में टूट रोकने के लिए जूझ रही है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित 44 विधायकों और पार्टी के बाकी उम्मीदवारों और जिला यूनिटों के पदाधिकारियों ने वफादारी के हलफनामे पर दस्तखत किया है। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर शपथ ली है कि किसी भी हालत में पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
चर्चाः नेताओं की कसमें, वायदे, वफादारी | आलोक मेहता

चर्चाः नेताओं की कसमें, वायदे, वफादारी | आलोक मेहता

जय-जयकार। तालियां। नया अध्याय पाटलिपुत्र के इतिहास का। बिहार विधानसभा की बैठक में सभी सदस्यों ने शराब न पीने की शपथ ली। राज्य सरकार ने एक अप्रैल से शराबबंदी के तहत ग्रामीण इलाकों में देशी और मसालेदार एवं भारत में बनी विदेशी शराब प्रतिबंधित कर दी। वहीं शहरी इलाकों में देशी शराब पर प्रतिबंध के साथ अधिकृत दुकानों पर भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री का प्रावधान किया गया है।