सत्तर वर्षों से महान लोकतंत्र के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हमें ही नहीं पूरी दुनिया को सुनाते-समझाते रहे कि उनके पास क्रांतिकारी बदलाव के लिए जादुई छड़ी नहीं होती। इसलिए जनता धैर्य के साथ उन्हें सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के लिए समय दे।
पूरी दुनिया में स्मार्टफोन आधारित रियलिटी गेम पोकेमोन गो को मिल रही लोकप्रियता को भुनाने के लिए साइबर दुनिया के कुछ ठग भी जुट गए हैं। इन ठगों ने पोकेमोन गो के नाम से फर्जी मोबाइल एप्प बना लिए हैं और इन एप्प को डाउनलोड करने वाले फोन की खुफिया जानकारी चुरा रहे हैं। भारत में भी ये फर्जी एप्प धड़ल्ले से उपलब्ध हैं।
बिलकुल तकनीकी लगने वाले शब्द नेट न्यूट्रेलिटी (नेट तटस्थता) का वास्ता आज हर भारतीय से पड़ गया है। टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने 27 मार्च 2015 को एक परामर्श पत्र जारी कर जनता से 20 सवालों पर राय मांगी थी।