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Search Result : "वसंत हो और हिंदी कविता के प्रेमी को वन न याद आएं"

न्याय के पहरेदारों की आवाज

न्याय के पहरेदारों की आवाज

इन दिनों न्याय के पहरेदारों न्यायाधीशों, वकीलों को सत्ताधारियों के समक्ष विभिन्न स्तरों पर आवाज पहुंचानी पड़ रही है। लोकतंत्र, राजतंत्र, सैन्य शासन या कम्युनिस्ट शासन में भी अंतिम दरवाजा न्यायालय का ही होता है।
तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना में अलग हाईकोर्ट की चल रही मांग के बीच सोमवार को राज्य से बड़ी संख्या में वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सांसदों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। राज्य के सांसदों ने कई बार केंद्र सरकार से अलग हाईकोर्ट की गुहार लगाई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
राजेश खन्ना पर नसीर की टिप्पणी से बिफरीं ट्विंकल ने किया पटलवार

राजेश खन्ना पर नसीर की टिप्पणी से बिफरीं ट्विंकल ने किया पटलवार

वरिष्ठ अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की राजेश खन्ना पर कथित टिप्पणी को लेकर ट्विंकल खन्ना ने पलटवार किया है। अपनी टिप्पणी में शाह ने कथित तौर पर कहा था कि 70 के दशक में हिंदी फिल्म उद्योग में मध्यम स्तर लाने के लिए राजेश खन्ना जिम्मेदार हैं।
हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

कभी तनहाइयों में हमारी याद आएगी...सन 1961 का सबसे बड़ा हिट रोमांटिक गाना था। इसे गाया था, मुबारक बेगम ने। अस्सी की उम्र में मुबारक बेगम इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके पीछे तनहाईयों में अब बस उनकी याद है।
पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने देश के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था।
शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्‍ट्र में शिवसेना की स्‍थापना की थी। उन्‍होंने उस वक्‍त वादा किया था कि दल का उद़देश्‍य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्‍थापना के अपने स्‍लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्‍थापित किया है।
मोदी की मंत्रियों को दो टूक, विकास मुंहजबानी रखो याद, तभी जनता को बता पाओगे

मोदी की मंत्रियों को दो टूक, विकास मुंहजबानी रखो याद, तभी जनता को बता पाओगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दिया है कि सरकार के पिछले दो साल के विकास कार्यों को मुंहजबानी याद रखो, तभी इसे आप जनता के सामने बेहतर ढंग से रख पाओगे। केन्द्र में मोदी सरकार के दो साल पूर्ण होने की पूर्व संध्या पर मंत्रिपरिषद की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सहयोगी मंत्रियों से सरकार द्वारा की गई पहल को जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए ध्यान केंद्रित करने को कहा।
मिस्र ने दिखाई हिम्‍मत, चार दिनों में 88 आतंकियों को मार शहीदों को किया याद

मिस्र ने दिखाई हिम्‍मत, चार दिनों में 88 आतंकियों को मार शहीदों को किया याद

मिस्र के अशांत उत्तरी सिनाई प्रांत में चलाए गए सैन्य अभियानों में पिछले चार दिनों में अब तक 88 आतंकी मारे जा चुके हैं। मिस्र की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद समीर ने एक बयान में कहा कि ये छापेमारी प्रांत के शेख जवाएद और रफाह शहरों में आतंकियों को निशाना बनाकर की गई थी।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल में ऊंचे जयघोष के साथ पांच साल के लिए चुनी सरकार के जश्न हो रहे हैं। दिल्ली और विभिन्न राज्यों में दशहरा-दीवाली की तरह मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के लिए जारी धूमधाम लगभग 10 दिन चलने वाले सफलता उत्सव का शोर है।
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