दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, गांवों में बिजली, वन रैंक-वन पेंशन, लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट, पोस्ट ऑफिस को पेमेंट बैंक में बदलना, स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन- इन मुद्दों पर कहां खड़ी है मोदी सरकार?
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश के लोगों को किए गए वादों पर खरे नहीं उतरे। गहलोत का यह बयान उस दौरान आया जब देशभर के किसान कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पुणतांबा गांव से अपनी उपज का वाजिब दाम मांगने को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन मध्य प्रदेश के मंदसौर में आकर हिंसक हो गया। कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाने से ही किसानों की नाराजगी बढ़ी तो मंदसौर में पुलिस धैर्य खो बैठी।
दिल्ली नगर निगम में पहली बार दांव आजमा रही आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर सभी घरों का हाउस टैक्स माफ करने व भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली देने का वादा किया है। हालांकि हाउस टैक्स माफ करने को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल भी खड़े किए हैं लेकिन आप का यह अहम दांव माना जा रहा है। इसके अलावा आप ने अनिधकृत कालोनियों को नियमित करने, पार्किंग समस्या से निजात व फैक्ट्री लाइसेंस खत्म करने जैसे तमाम दांवों का पुलिंदा भी जारी किया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी बूढ़े हो चले हैं। उनकी अच्छे दिन वाली पिक्चर भी फ्लॉप हो गई है। अब वह देखने को नहीं मिलेगी। हम युवाओं की सरकार बनाएंगे। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने अगर वादों को पूरा कर दिया होता तो इतने रोड शो नहीं करने पड़ते।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस बार सत्ता में बदलाव होना चाहिए। इसके लिए संघ पीछे से अपनी रणनीति पर कार्य करेगा। सरसंघचालक मोहन भागवत ने इसके संकेत दिए हैं। देश में दलितों को लेकर हो रहे बवाल से चिंतित संघ प्रमुख ने सामाजिक समरसता पर भी पूरा जोर दिया। संघ की संगठनात्मक बैठकों में ऐसे सभी मसलों सहित पूरी रणनीति पर मंथन किया गया। लोकसभा चुनाव से पहले किए वादे और दलित मामलों पर घिरी भाजपा अपने लिए अब नए मसले की तलाश में है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में भाजपा को संघ ही सबसे अहम स्तंभ के रुप में दिख रहा है।