व्यापार करने में सुगमता का माहौल विकसित करने के लिए सरकार ने पहले भी कई कदम उठाए हैं और अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कई अन्य उपायों की घोषणा की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकार्ड 10 लाख करोड़ रुपये किया है।
संसद में आज पेश आम बजट में खेल मंत्रालय के कोटे में 350 करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खेल मंत्रालय को 1943 करोड़ रुपये आवंटित किए जबकि पिछले साल यह राशि 1592 करोड़ रुपये थी। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जबकि भारतीय खिलाड़ी 2018 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज एच1-बी वीजा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किया गया है, जिससे अमेरिकी वीजा पाना पहले से मुश्किल हो जाएगा। अगर यह बिल पास हो गया तो भारतीय आईटी प्रफेशनल्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह जल्लीकट्टू से संबंधित सभी मामलों पर 31 जनवरी को सुनवायी करेगा। न्यायालय ने यह फैसला केन्द्र सरकार की उस याचिका के बाद लिया जिसमें उसने तमिलनाडु में सांडों की लड़ाई के इस वार्षिक खेल को अनुमति देने वाली छह जनवरी की अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का आज पुरजोर बचाव किया और कहा कि बेशक इसने वित्तीय प्रणाली को थोड़े समय के लिए झकझोर दिया है, लेकिन इससे लंबे समय में कालेधन की अर्थव्यवस्था औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेगी और कर कानूनों के अनुपालन में सुधार होगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने आज कहा कि मुसलमानों में पिछड़े वर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के लक्ष्य से प्रदेश सरकार विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक लाएगी।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में आज बड़ी कामयाबी हासिल हुई। जीएसटी के प्रशासन को लेकर गतिरोध समाप्त हो गया। केंद्र अधिकतर छोटे करदाताओं पर नियंत्राण का जिम्मा राज्यों को देने पर सहमत हो गया लेकिन जीएसटी को अब एक जुलाई से लागू किया जायेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज फिर कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित लंबित मुद्दे यदि हल हो जाएं तो केंद्र सरकार अब भी इस प्रणाली को आगामी पहली अप्रैल से लागू करना चाहेगी।