पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए जारी तीसरे चरण के मतदान में शुरुआती चार घंटों में 40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं में वोटिंग को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। पहले दो चरणों की ही तरह इस चरण में भी अच्छी खासी वोटिंग होने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल में बेहद महत्वपूर्ण तीसरे चरण के मतदान से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के 75,000 जवानों सहित एक लाख सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में छिटपुट हिंसा की खबरों के बीच 56 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान खत्म हो गया। आज के चरण के जिलों में कुल 79.70 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के दौरान दिन भर राज्य के विभिन्न जिलों से सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की लगातार खबरें आती रहीं।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस जारी करने पर भड़कीं ममता ने चुनाव आयोग को ललकारते हुए कहा कि नोटिस का जवाब मैं नहीं बल्कि 19 मई को राज्य की जनता देगी।
योजना आयोग के स्थान पर बनी नई संस्था नीति आयोग दरअसल हिन्दी नहीं बल्कि इसके अंग्रेजी नाम नेशनल इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मिंग इंडिया का संक्षिप्त स्वरूप है। नीति अंग्रेजी वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है।
केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ के लिए एक बड़ी राहत के तहत निर्वाचन आयोग ने मुफ्त चावल आपूर्ति के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने 2016-17 के बजट में की थी।
पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों के पहले चरण में शांतिपूर्ण तरीके से भारी मतदान हुआ और दोनों राज्यों में क्रमश: 80 और 70 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
चुनाव आयोग ने शनिवार को निर्देश दिया कि असम और पश्चिम बंगाल में तीन और चार अप्रैल को बिना मंजूरी के किसी भी अखबार में विज्ञापन प्रकाशित नहीं होगा। भाजपा द्वारा बिहार चुनावों के दौरान विवादास्पद विज्ञापन जारी होने के परिप्रेक्ष्य में यह कदम उठाया गया है। असम और पश्चिम बंगाल में प्रथम चरण का चुनाव चार अप्रैल को होगा।
प्राइमरी के रिटायर शिक्षक, रिटायर सरकारी कर्मचारी या फिर फुल टाइम राजनीतिक कार्यकर्ता। इन सभी का बैंक बैलेंस, संपत्ति चार-पांच साल में कितनी बढ़ सकती है? कुछ फीसद, दोगुनी, तिगुनी... या फिर 50 गुनी? बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की निजी संपदा में तो इसी कदर इजाफा हुआ है। चुनाव लड़ रहे कुछ नेताओं ने नामांकन भरते समय चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है, उससे तो यही लगता है।