1681-82 के आसपास जुलियाना गोवा से मुगल दरबार में पहुंची और शीघ्र ही औरंगजेब की बेगम और शहजादे मुअज्जम की अम्मी नवाब बाई की खिदमत में लग गई। जब 1686 में मुअज्जम और उसकी अम्मी बादशाह औरंगजेब की नजरों में गिर गए तब जुलियाना ने उनके प्रति अपनी अटूट वफादारी निभाई।
अमित शाह ने कहा कि हमारी पार्टी में 75 पार नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने की कोई परंपरा अभी नही हैं। मंत्रिमंडल में किसे रखना है और किसे नहीं, यह फैसला मुख्यमंत्री का होता है।