आखिरकार बिहार में सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। इस दौरान पक्ष में 131 वोट पड़े, जबकि विरोध में 108 मिले। कहा जा सकता है कि जिस तरह जदयू में फूट की बात सामने आ रही थी उसका असर वोटिंग में बिल्कुल भी नहीं दिखा।
बिहार के हरनौत में स्वतंत्रता सेनानी के घर पैदा हुए नीतीश को बचपन में मुन्ना कहा जाता था। नीतीश के पिता आयुर्वेद का काम भी करते थे और नीतीश उनका साथ देते थे और दवा की पुड़िया बांधते थे। उनके पिता कांग्रेस से जुड़े रहे थे। उनके पिता ने 1952 और 57 के आम चुनाव में कांग्रेस से टिकट मांगा लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया। इस वजह से उनके पिता बाद में कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी के साथ चले गए थे।
जनता दल (यू) की केरल इकाई ने नीतीश कुमार के महागठबंधन' को तोड़ने और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने के फैसले का भारी विरोध किया है। इसे लेकर केरल यूनिट ने जदयू से बाहर आने का फैसला किया है।
शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने पर शिवसेना ने कटाक्ष किया है।
पुणे के बाद सोमवार को अपनी अपकमिंग फिल्म ‘इंदु सरकार’ के प्रमोशन के लिए नागपुर पहुंचे निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर का कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने जमकर विरोध किया।
बीपी एंड आरडी की रिपोर्ट में देशभर में पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों का विस्तृत डाटा सामने आया है। जिसमें सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड राज्य में हुए तो वहीं गोवा सहित चार राज्यों में विरोध प्रदर्शनों का आंकड़ा शून्य रहा।
जीएसटी के खिलाफ हाथ में काले झंडे पकड़े हुए और नारे लगाते हुए व्यापारियों का दावा है कि नई कर व्यवस्था को लागू करना राज्य के विशेष दर्जे और इसके राजकोषीय स्वायत्ता पर प्रहार करना है।