अफगानिस्तान में नए सिरे से अल-कायदा के शिविर पनपने की आशंका पर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में एक पुराना दुश्मन फिर से सिर उठा रहा है।
वरिष्ठ कथाकार ‘दूसरा कदम’, ‘उनका जीवन’, ‘कछुए की तरह’, ‘एकत्र’ और ‘भूलने का रास्ता’ जैसे कथा-संग्रहों को मिलाकर अब तक नौ कहानी संग्रह प्रकाशित। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन तथा ‘पहल’ पत्रिका के संपादन में सहयोग।
प्रख्यात लोक गायक और संगीतकार रघु दीक्षित ने यहां आयोजित समारोह के दौरान गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन से निपटने के संयुक्त राष्ट्र के नए लक्ष्यों के प्रति समर्थन जताया।
विवादों के बीच नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय के निदेशक महेश रंगराजन ने इस्तीफा दे दिया है। नेहरू स्मारक संग्रहालय सिर्फ नेहरू पर केंद्रित होना चाहिए या फिर इसके दायरे में दूसरी हस्तियां भी आनी चाहिए, इसे लेकर संस्था आजकल चर्चाओं में है। मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने रंगाराजन का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
तिब्बती शहर नांगचेन में एक भारतीय भिक्षु ने 2000 साल पुराने एक स्तूप का जीर्णोद्धार कराया और धार्मिक अनुष्ठान के साथ इसे प्रतिष्ठित किया है। यह स्तूप भगवान बुद्ध की निशानी के रूप में बनाए गए 19 स्तूपों में से एक है जिन्हें सम्राट अशोक ने चीन भेजा था। यह स्तूप भारत से बौद्ध धर्म के चीन आगमन का प्रतीक है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आईपीएल टीम की निविदाओं के फेरबदल को लेकर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने दस्तावेजों के साथ कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आईपीएल की बोलियों में एकतरफा शर्तें रखवाने का काम किया। गौरतलब है कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अमित शाह उपाध्यक्ष थे।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कोयला खनन परियोजना को एक और झटका लगा है। पर्यावरण मंजूरी रद्द होने के बाद अब अॉस्ट्रेलिया के बैंक ने परियोजनाओं से नाता तोड़ लिया है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक दावे ने विवाद पैदा कर दिया है। अभिषेक बनर्जी ने दावा कि माओवादी नेता किशनजी को ममता बनर्जी सरकार ने मारा था। अभिषेक के इस बयान के बाद पार्टियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की।
रमजान का महीना है और पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों से आती लजीज पकवानों की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है। पकवानों की यह खुशबू रोजेदारों के साथ साथ पर्यटकों को भी दिल्ली की एक ऐतिहासिक यात्रा पर ले जाती है जहां उनका साक्षात्कार मुगलकालीन के व्यंजनों से हो रहा है।