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हाशिमपुरा कांड में पुलिस विद्रोह का डर दिखा कार्रवाई नहीं की: राय

हाशिमपुरा कांड में पुलिस विद्रोह का डर दिखा कार्रवाई नहीं की: राय

प्रख्यात लेखक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने शनिवार को कहा कि 28 साल पहले मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में तत्कालीन सरकार ने पीएसी बल के विद्रोह के डर से समुचित कार्रवाई नहीं की थी और बाद में आई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई गंभीर पहल करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
भाजपा विधायक और दो पूर्व सांसदों को जेल

भाजपा विधायक और दो पूर्व सांसदों को जेल

एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 1998 में बिहार के सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट पर हुए हमले और उसके बाद पुलिस गोलीबारी से संबंधित एक मामले में मंगलवार को एक भाजपा विधायक और लोकसभा के दो पूर्व सांसदों सहित 15 लोगों को दोषी ठहराया।
ऐश्वर्या की सिल्वर स्क्रीन पर वापसी

ऐश्वर्या की सिल्वर स्क्रीन पर वापसी

पांच वर्षों के अंतराल के बाद फिल्म 'जज्बा' से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी कर रही हैं ऐश्वर्या राय। इस फिल्म के पहली लुक को कांस फिल्मोत्सव में मिल रही प्रतिक्रिया से खुश हैं।
कान के रेड कार्पेट पर ऐश का जादू

कान के रेड कार्पेट पर ऐश का जादू

बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने एली साब का शानदार गाउन पहनकर कान फिल्मोत्सव के रेड कार्पेट पर अपनी बेमिसाल खूबसूरती का जलवा बिखेरा। 41 वर्षीय पूर्व विश्व सुंदरी बिना आस्तीन की नेट की ड्रेस में बेहद खूबसूरत लग रही थीं और उनके खुले बाल उनकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे।
अब कौन सलमान का फैन

अब कौन सलमान का फैन

सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

अंतरराष्ट्रीय माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम कहां है इसको लेकर सरकार ने संसद में अजीबोगरीब बयान दे डाला। मंगलवार को संसद में एक सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा कि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दाऊद कहां है।
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
विरह में दो मंत्र

विरह में दो मंत्र

सर्वेश सिंह की कविताएं आध्यात्म और वास्तविक जीवन के ईद-गिर्द खूबसूरत ताना-बाना बुनती हैं। उनके द्वारा लिखे गए कई लेखों पर तीखी बहसें भी हुई हैं। उनकी कहानी ज्ञान क्षेत्रे, कुरूक्षेत्रे को बहुत सराहना मिली थी। सर्वेश फिलवक्त डीएवीपीजी कॉलेज, बनारस में हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।
ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवारों को यह अधिकार नहीं है कि वे यह तय कर सकें कि उन्हें कितने बच्चे पैदा करने हैं। यह तय करेंगे ह‌िंदू संगठन क्योंकि उन्हें चिंता है क‌ि ह‌िंदू कहीं भारत में ही अल्पसंख्यक न हो जाएं। यह तर्क लंबे समय से हिंदुत्वादी संगठन देते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उन्होंने ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ रखा है।
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