संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
चारा घोटाले के सिलसिले में दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से तीन करोड़ 31 लाख रुपये निकालने के एक मामले में आज राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रांची में सीबीआई के न्यायाधीश शिवपाल सिंह की विशेष अदालत में पेशी हुई जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 29 जून के लिए स्थगित कर दी।
विशेष एसआईटी अदालत ने सोमवार को कहा कि वह गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले के 24 दोषियों को सजा शुक्रवार 17 जून को सुनाएगी। गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसन जाफरी सहित 69 व्यक्ति मारे गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित देशों से भारत जैसे देशों की वस्तु एवं सेवाओं के लिए बाजार खोलने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत 'वृद्धि के एक नए इंजन' के रूप में वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान करने को तैयार है। पीएम अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के सालाना समारोह को संबोधित कर रहे थे।
वैश्विक आर्थिक मंदी है। यूरोप की हालत बदतर हो गई है। अमेरिका और चीन जैसे देश भी परेशान हैं। नए बाजार और सस्ता कच्चा माल की तलाश में ये देश परेशान हैं। इस लिहाज से दक्षिण पूर्व एशिया में इन देशों को रास्ता नजर आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के दुसरे पड़ाव कतर में हैं। दोनों प्रमुखों के बीच आधिकारिक मुलाकात में व्यापक मुद्दों पर चर्चा के बाद संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले पीएम ने कतर के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलकात के दौरान भारत में निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि तंबाकू का सेवन भारत समेत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। संगठन ने कहा है कि इसके सेवन से हर घंटे औसतन 150 लोगों की मौत होती है। डब्ल्यूएचओ ने सादी पैकेजिंग की वकालत की है जिसमें तंबाकू उत्पादों से ब्रांड और प्रचार संबंधी सूचना हटाना अनिवार्य बनाया जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।