Advertisement

Search Result : "विश्‍व मानव समाज"

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

धीरे-धीरे आदिवासी भोजन खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है। परंपरागत आदिवासी भोजन न मिलनेकी वजह से 54 फीसदी आदिवासी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की संयुक्त पड़ताल में सामने आया है कि इसकी मुख्य वजह जंगल संबंधी नई नीतियां हैं, जिनके चलते आदिवासियों को उनके परंपरागत एवं पोषक भोजन से दूर कर दिया गया।
नीति आयोग में ईरानी

नीति आयोग में ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को नीति आयोग में जगह क्या मिली दबे जुबान में विरोध के स्वर उठने लगे।
कुंद पड़ा पांच दिग्‍गजों का क्रिकेट पंच

कुंद पड़ा पांच दिग्‍गजों का क्रिकेट पंच

वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा को 30 खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं मिलने की खबर मीडिया से लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच खूब उछाली गई लेकिन जम्मू-कश्मीर की टीम ने जब 40 बार रणजी ट्रॉफी विजेता टीम मुंबई को हराकर इतिहास रचा तो कई अखबारों के लिए यह खबर तक नहीं बनी।