Advertisement

Search Result : "विश्‍व मानव समाज"

सदी का महामुकाबला: फ्लॉयड मेवेदर बने विश्‍व चैंपियन

सदी का महामुकाबला: फ्लॉयड मेवेदर बने विश्‍व चैंपियन

कांटे के मुकाबले में मेवेदर ने पैकियाओं को मामूली अंतर से हराया। लगातार 48वीं जीत के साथ वने विश्‍व विजेता। मेवेदर के नाम हुई 1200 करोड़ रुपए की ईनामी राशि, जो डेविड बेक्‍हम के पूरे करियर की कमाई के बराबर है। पैकियाओ पर शुरुआत से ही हावी रहे 38 साल के मेवेदर लेकिन पैकियाओ ने भी उन्‍हें कड़ी टक्‍कर दी।
विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ ने कहा कि आजादी के पहले के एक हजार साल के विदेशी शासन के कारण बने बैकलाॅग को अब पूरा करना है और हिन्दू समाज अब अपनी स्वाभाविक शक्ति, मेधा और स्वाभिमान से खड़ा है। संघ की ओर से यह भी कहा गया कि संघ हिन्दू समाज के साथ सभी लोगों की चिंता करेगा।
हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

बेदखल आदिवासियों का लुप्त होता भोजन

धीरे-धीरे आदिवासी भोजन खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है। परंपरागत आदिवासी भोजन न मिलनेकी वजह से 54 फीसदी आदिवासी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की संयुक्त पड़ताल में सामने आया है कि इसकी मुख्य वजह जंगल संबंधी नई नीतियां हैं, जिनके चलते आदिवासियों को उनके परंपरागत एवं पोषक भोजन से दूर कर दिया गया।
नीति आयोग में ईरानी

नीति आयोग में ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को नीति आयोग में जगह क्या मिली दबे जुबान में विरोध के स्वर उठने लगे।
कुंद पड़ा पांच दिग्‍गजों का क्रिकेट पंच

कुंद पड़ा पांच दिग्‍गजों का क्रिकेट पंच

वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा को 30 खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं मिलने की खबर मीडिया से लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच खूब उछाली गई लेकिन जम्मू-कश्मीर की टीम ने जब 40 बार रणजी ट्रॉफी विजेता टीम मुंबई को हराकर इतिहास रचा तो कई अखबारों के लिए यह खबर तक नहीं बनी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement