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साध्वी: आजम खां चला रहे हैं उप्र की सरकार

साध्वी: आजम खां चला रहे हैं उप्र की सरकार

केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के ताकतवर मंत्री आजम खां सूबे की सरकार चला रहे हैं और इसी वजह से राज्य में अपराध का ग्राफ चढ़ रहा है।
छोटे शहरों में भी पहुंचेगा एफएम

छोटे शहरों में भी पहुंचेगा एफएम

सरकार ने छोटे शहरों एवं कस्बों तक एमएफ रेडियो की सेवाएं पहुंचाने की योजना बनाई है। अगले दो साल में कई स्थानों पर सैकड़ों रेडियो स्टेशन खोलने को हरी झंडी दे दी गई है। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने यहां यह जानकारी दी।
आजम के आतंक से बचने के लिए राजभवन में गुहार

आजम के आतंक से बचने के लिए राजभवन में गुहार

उत्तर प्रदेश के ताकतवर काबीना मंत्री आजम खां के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किये गए 12वीं कक्षा के एक छात्र की जमानत लेने वाले कांग्रेस के एक नेता ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए मदद के लिए राजभवन के दरवाजे खटखटाये हैं।
सरेशवाला के रवैये से नाराज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

सरेशवाला के रवैये से नाराज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जफर सरेशवाला के रवैये से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य नाराज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले सरेसवाला ने पर्सनल लॉ बोर्ड के उस प्रस्ताव का विरोध किया
घर वापसी से नाराज मुस्लिम संगठन

घर वापसी से नाराज मुस्लिम संगठन

हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम का मुद्दा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी 20 मार्च से जयपुर में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से उठने की प्रबल सम्भावना है।
खाक हो चुकी नौका पर विवाद जारी

खाक हो चुकी नौका पर विवाद जारी

पाकिस्तान की तरफ से 31 दिसंबर 2014 की रात भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली रहस्यमय नौका को लेकर नौसेना अधिकारियों और भारत सरकार के विवादास्पद बयानों से रहस्य और गहराता जा रहा है।
कामयाबी की कुंजी

कामयाबी की कुंजी

सफलता की कुंजी ने गांव-कस्बों-शहर की सीमा को धुंधला दिया है। अब सभी को एक ही कड़ी जोड़ रही है-आत्मविश्वास
शहर के साथ समस्‍याएं भी बढी

शहर के साथ समस्‍याएं भी बढी

इतिहास में पहली बार वर्तमान दशक ने दुनिया की आबादी का ज्‍यादा बडा हिस्‍सा गांवों की बजाय शहरों में दर्ज किया गया हैा भारत भी उसी दिशा में तेजी से कदम बढा रहा हैा
शांति के पासे फेंकने की जरूरत

शांति के पासे फेंकने की जरूरत

निर्मला देशपांडे की पाकिस्तान में बरसी से उठी ये सदाएं मनमोहन सिंह पहुंची या यह उनकी अंत: प्रेरणा थी अथवा अमेरिकी उत्प्रेरणा, जैसा कि कुछ लोग विश्‍वास करना चाहते हैं, शर्म अल शेख के संयुक्त वक्तव्य में ब्लूचिस्तान के जिक्र के लिए राजी होकर और भारत-पाक समग्र वार्ता के लिए भारत में आतंकवादी हमले रोकने की पूर्व शर्त को ढीला करके भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति के लिए एक जुआ खेला है। मुंबई हमले के बाद दबाव की कूटनीति से भारत को जो हासिल होना था वह हो चुका और पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकतंत्र के खिलाफ अपेक्षया गंभीर कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा। दबाव की कूटनीति की एक सीमा होती है और विनाशकारी परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए वार्ता की कूटनीति के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत थी। ब्लूचिस्तान के जिक्र को भी थोड़ा अलग ढंग से देखना चाहिए।
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