'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक की आज 159वीं जयंती है। देश के इस अमर क्रांतिकारी ने ब्रिटिश शासन के दौरान सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी।
हमारे देश के राजनेताओं की नासमझी कभी-कभार बड़ी हास्यास्पद बन जाती है। झारखंड की शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने तो कोडरमा के एक स्कूल कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धा सुमन ही अर्पित कर दिए।
राडिया टेप प्रकाशित करके विनोद मेहताने वही किया जो किसी अच्छे संपादक को करना चाहिए। राजनीतिज्ञों, पत्रकार/लॉबीस्टों और उनके कॉर्पोरेट प्रायोजकों के चल रहे समूह-सहवास की गंदी डायरियों को सार्वजनिक करके उन्होंने देश चला रही मित्र (माफिया) मंडली के क्लब नियमों को तोड़ दिया।