ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आतंकवाद के मसले पर भारत की सराहना की। वहीं पीएम मोदी ने अपने भाषण के आखिर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी बधाई दी।
भारत ने आज चीन से स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर देशों के बीच मतभेद नहीं हो सकते। भारत ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं।
भारत और चीन एक-दूसरे के साथ आर्थिक संबंध मजबूत कर रहे हैं। जुलाई 2016 तक चीन ने भारत में 4.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। दोनों देशों के बीच कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। गोवा में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आएंगे। तब भारत और चीन के बीच कई नए व्यापारिक और आर्थिक करार होने हैं।
टी.वी. समाचार चैनलों की खबरें देखने पर आपको आशंका होती होगी कि दक्षिण चीन सागर पर लड़ाकू विमान उड़ने या मिसाइलयुक्त पनडुब्बियां घूमने अथवा हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लगी भारत-चीन सीमाओं पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से कहीं युद्ध का खतरा तो नहीं मंडरा रहा है। यदा-कदा किसी नेता, सैन्य अधिकारी या प्रवक्ता की कड़ी चेतावनी चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, दक्षिण अफ्रीका में भी सुनी जा सकती है। महाशक्तियों को अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई बार कड़ा रुख दिखाना पड़ता है। भारत अब उन्हीं शक्तिशाली देशों के साथ उठने-बैठने लगा है।
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में ताइवान की तरफ से गलती से चीन की ओर एक पोत रोधी सुपरसोनिक मिसाइल दागने का मामला सामने आया है। हालांकि 75 किमी की दूरी तय करने के बाद मिसाइल ताइवान समुद्री क्षेत्र में ही गिर गया। यह घटना चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 95वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध किए जाने के बीच सामने आई है।
चीन में हुबेई प्रांत में एशिया की सबसे लंबी नदी यांगत्सी में आए चक्रवात की चपेट में आने के बाद 450 से ज्यादा लोगों को लेकर जा रहे एक जहाज के डूबने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लापता हैं। उनकी तलाश के लिए बचावकर्ताओं को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब भारत दौरे पर थे तो भारतीय पर्यटकों के लिए कुछ अच्छी खबरें भी लाए थे। मसलन सिक्किम के नाथूला से होते हुए कैलाश-मानसरोवर तक पहुंचने वाले मार्ग को खोलने के लिए चीन सहमत हो गया।