आनंद एल राय निर्माता के रूप में शायद ‘तनु वेड्स मनु’ से आगे कुछ चाह रहे थे। इस बार उन्होंने निर्देशन की बागडोर आर एस प्रसन्ना के हाथों में दे दी। फिल्म के कई संवादों पर खूब तालियां बजीं, ठहाके भी लगे। बालकनी में बैठने वाले शायद सीटी न बजा पाएं पर जो लोग ड्रेस सर्किल में बैठते हैं उनके लिए उसकी पूरी छूट है। इसका सिर्फ इतना सा कारण है कि फिल्म पहली बार सेक्स करने में अक्षम पुरुष पर खुल कर बात करती है।
बसपा प्रमुख मायावती ने तीसरे चरण के मतदान के बाद कहा कि बसपा के लिए यह शुभ संकेत है। उन्होने इसके लिए पार्टी के समस्त पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता का तथा पार्टी को समर्थन देने वाले अपने सभी शुभ-चिन्तकों का भी दिल से आभार प्रकट किया।