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इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स ग्रुप पर आयकर विभाग का बड़ा छापा पड़ा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक देशभर में ग्रुप के प्रोमोटरों और दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं।अलग-अलग जगहों पर जारी छापों में विभाग के करीब 1000 अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ग्रुप के प्रोमोटरों के बीच हुए बंटवारे को लेकर गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसी वजह से यह छापे पड़ रहे हैं।
दो साल तक यूरोपीय यूनियन से बंधा रहेगा इंग्लैंड

दो साल तक यूरोपीय यूनियन से बंधा रहेगा इंग्लैंड

यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए इंग्लैंड में कराए गए जनमत संग्रह के कई प्रभाव दिखने लगे हैं। दुनिया भर में शेयर मार्केट लुढ़क रहे हैं। वैश्विकरण की चूलें हिलने की बातें उठ रही हैं। लेकिन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पब्लिक लॉ के प्रोफेसर और हाउस ऑफ लॉड्सर् में संविधान पर स्थाई समिति के कानून सलाहकार मार्क इलियट के अनुसार, तकनीकी तौर पर अगले दो साल तक इंग्लैंड और यूरोपीय यूनियन की स्थितियों में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
33 एसएमई की आईपीओ लाने की तैयारी

33 एसएमई की आईपीओ लाने की तैयारी

कुल 33 लघु एवं मझोले उपक्रमों की कारोबारी विस्तार तथा कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना है। इन कंपनियों का बीएसई के एसएमई प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध होने का इरादा है। इनका आईपीओ आगामी महीनों में आ सकता है।
महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी गिरा

अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी गिरा

विनिर्माण तथा पूंजी वस्तु उत्पादन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन अप्रैल माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8 प्रतिशत घट गया। औद्योगिक उत्पादन में तीन महीने में यह पहली गिरावट है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। औद्योगिकी उत्पादन सूचकांक :आईआईपी: के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में पिछले वर्ष अप्रैल में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।
18,000 करोड़ का नुकसान पर मोदी सरकार बैंकों को और धन देगी

18,000 करोड़ का नुकसान पर मोदी सरकार बैंकों को और धन देगी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों का पूंजी-आधार और मजबूत करने के लिए उन्हें और धन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जतायी है। जेटली ने सोमवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में इन बैंकों को जो 18,000 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ वह मुख्य तौर पर वसूल न किए जा सकने वाले रिण (एनपीए) के लिए ऊंचे पूंजी प्रावधान के कारण है।
स्टार्ट-अप सूचीबद्धता प्लेटफार्म को आकर्षक बनाया जाएगा, नियमों में मिलेगी ढील

स्टार्ट-अप सूचीबद्धता प्लेटफार्म को आकर्षक बनाया जाएगा, नियमों में मिलेगी ढील

पूंजी बाजार नियामक सेबी की स्टार्ट-अप सूचीबद्धता प्लेटफार्म को अधिक आकर्षक बनाने के लिये अगले महीने तक नियमों में ढील देने की योजना है। इसका मकसद इस क्षेत्र को कोष जुटाने के लिए उपयोगी बनाने में मदद करना है। साथ ही उनके विदेशी निवेशकों सहित मौजूदा निवेशकों को आसानी से बाहर निकलने का मौका उपलब्ध कराना है।
नीतियों की चाल पर चढ़ा बाजार

नीतियों की चाल पर चढ़ा बाजार

नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। लगातार चौथे दिन देश के शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इस वर्ष की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। काफी समय तक तय दायरे में रहने के बाद बाजार में तेजी आई है। सेंसेक्स ने लंबे समय बाद 26 हजार के स्तर और निफ्टी आठ हजार के स्तर को पार कर गया है। पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में 1400 अंकों की तेजी आई है।
मनमोहन सिंह के मौन का अर्थ। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह के मौन का अर्थ। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह की ईमानदारी और भलमनसाहत पर कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। यह तर्क भी दिया जाता है कि वह राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं। उनके वित्त मंत्री रहते शेयर घोटाले जैसे आरोप आने पर सारा कीचड़ नरसिंह राव के सिर पर उलट दिया गया। 2004 से 2014 तक दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार पर घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीरतम आरोप लगे एवं कांग्रेस पतन के गर्त तक पहुंच गई।
इरफान ने की बोझ हल्का करने की अपील

इरफान ने की बोझ हल्का करने की अपील

कहने को तो यह एक उत्पाद का प्रचार है। लेकिन यदि इसी बहाने महिलाओं का कुछ भला हो जाए तो क्या बुरा है। विज्ञापन की दुनिया भावनाओं पर चलती है, लेकिन इस भावना में कुछ बात है।
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