उत्तर प्रदेश के गाजियबाद में बसपा के सांसद नरेंद्र कश्यप, उनकी पत्नी और पुत्र को उनकी बहू हिमांशी की मौत के सिलसिले में आज दहेज निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
अपना साहित्य पुरस्कार वापस लेने से इंकार कर चुकी जानी-मानी लेखिका नयनतारा सहगल ने आज साहित्य अकादमी को एक पत्र लिखकर कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ उनका विरोध जारी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कलात्मक बल्लेबाज मोहम्मद अजहरुद्दीन इन दिनों फिर से सुर्खियों में हैं। हैदराबाद के स्टाइलिश बल्लेबाज अजहरूद्दीन इस बार तीसरी शादी करने को लेकर खबरों में छाए हुए हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ कहासुनी के बाद फतेहाबाद जिले की पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया का आज तबादला कर दिया गया। तबादले को लेकर विज के खिलाफ जहां विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है वहीं सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
भाजपा शासित हरियाणा और राजस्थान में अपने जमीन सौदे को लेकर जांच का सामना कर रहे राबर्ट वाड्रा ने रविवार को कहा कि वह राजनीतिक बदले का विषय हो गए हैं और राजनीतिक औजार के तौर पर उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
साहित्य अकादमी का पुरस्कार लौटाने का सिलसिला एक नई परिस्थिति का संकेत देता है और एक अभूतपूर्व माहौल की रचना भी करता है। परिस्थिति नई है, वरना अभी तक यह माना जाता रहा है कि कला और साहित्य में राज्य द्वारा सम्मानित किए जाने के लिए होड़ लगी रहती है। पुरस्कार लौटाने की व्यग्रता इस पैमाने पर पहले नहीं देखी गई।
नए जमाने की कहानियां अब इतने नए जमाने की हो गई हैं कि यह फिल्में सिर्फ एक खास पीढ़ी को ही अच्छी लग सकती हैं। प्यार का पंचनामा का पहला भाग भी ठीक ठाक चल गया था तो इसका सीक्वेल भी अच्छा चल जाने की पूरी उम्मीद है। पूरे देश के विश्वविद्यालय के छात्र भी अगर इस फिल्म को देख लेंगे तो निर्माता के पूरे पैसे वसूल हो जाएंगे।
देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।