बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि जिन मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा था वे जनता को स्वीकार नहीं। चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और महागठबंधन की शानदार जीत बताती है कि मतदाता ने तय करके भाजपा को हराया है। बिहार चुनावों से संबंधित कुछ सुर्खियां जो दो बीते डेढ़ दिन से सोशल मीडिया पर तैर रही हैं।
बिहार चुनाव में नीतीश-लालू के महागठबंधन को शानदार जीत मिली जबकि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का सफाया हो गया है। नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। बिहार के साथ-साथ देश की राजनीतिक दिशा-दशा तय करने वाले इन चुनावों में महागठबंधन ने 178 सीटें हासिल की हैं जबकि एनडीए के खाते में सिर्फ 58 सीटें आई हैं। भाजपा खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गई है। लालू यादव की राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के बाद आए टूडेज चाणक्य ने महागठबंधन के नेताओं को चौका दिया। चाणक्य के एक्जिट पोल के मुताबिक बिहार में भाजपा गठबंधन की सरकार बनना तय है।
बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले गाय को लेकर प्रकाशित भाजपा के एक विज्ञापन पर राजनीति गरमा गई है। इस विज्ञापन पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए नीतीश कुमार नीती महागठबंधन ने चुनाव आयोग से शिकायत करने का फैसला किया है।
बिहार में दो चरण का मतदान होने के बाद मतदान के रुझानों और विभिन्न जातों की गोलबंदी से एक बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या यह विधानसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा बनता जा रहा है।
गोमांस विवाद में कूदते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर तीखा वार किया। लालू की गोमांस संबंधी कथित टिप्पणी पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि यह बिहार के लोगों और खासकर लालू को सत्ता में लाने वाले यदुवंशी समुदाय का अपमान है।
दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों की सूची देखने से साफ लगता है कि विकास के दावे और वादे नेपथ्य में चले गए हैं। उसकी जगह सामाजिक समीकरण के मद्देनजर जिताऊ कहे जा सकनेवाले उम्मीदवारों ने ले ली है। महागठबंधन ने जहां अपने मंडल या कहें सामाजिक न्याय के सिद्धांत को सामने रखकर पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों पर भरोसा किया है तो भाजपा और उसके गठबंधन ने सर्वाधिक सीटें अपने सवर्ण जनाधार को ध्यान में रखकर बांटी है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बने महागठबंधन ने अपने 242 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दोनों बेटों को चुनावी मैदान में उतारा है। उनका बड़ा बेटा तेज प्रताप महुआ से और छोटा बेटे तेजस्वी राघोपुर से चुनाव लड़ेगा। गठबंधन ने सबसे ज्यादा 134 ओबीसी उम्मीदारों को टिकट दिया है। इसके बाद 40 एससी-एसटी, 39 सामान्य और 33 मुस्लिम उम्मीदवारों को आजमाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, 243 में से 242 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को ऐलान हो गया है और लेकिन एक सीट पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।