हाल ही में हैदराबाद की एक ऐसी घटना सामने आई है, जिससे यह पता चलता है कि आज भी दुनिया में अंधविश्वास कम नहीं हुआ है। कई बार लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं कि जिसकी शायद कोई उम्मीद भी नही कर सकता।
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने आज कहा कि केंद्र जल्लीकट्टू मुद्दे का स्थायी हल चाहता है और तमिलनाडु सरकार के प्रस्तावों का विभिन्न मंत्रालय अध्ययन रहे हैं जिसके बाद एक-दो दिन में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाने का केंद्र का आग्रह आज मान लिया। केंद्र ने न्यायालय को बताया कि मुद्दे के समाधान को लेकर वह तमिलनाडु के साथ बातचीत कर रहा है।
21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
घरों के शौचालयों और रसोईघर से निकलने वाले जैविक अपशिष्टयुक्त घरेलू कचरे ऊर्जा का एक स्रोत सिद्ध हो सकते हैं और वैज्ञानिकों ने कहा है कि भूखे बैक्टीरिया का इस्तेमाल कर इससे ऊर्जा पैदा की जा सकती है।
अक्सर भाजपा के नेताओं पर यह तंज कसा जाता है कि आजादी की लड़ाई के वक्त भाजपा नहीं थी। इसलिए उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। इसी तंज का मुकाबला करने के लिए भाजपा के मुख्याल ने पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों को एक खास संदेश भेजा है। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने पारिवारिक एलबम, पर्सनल रिकॉर्ड या कोई भी ऐसा दस्तावेज जुटाएं, जिससे पता चलता हो कि भाजपा नेताओं ने 'राष्ट्रीय आंदोलनों' में हिस्सा लिया था।
यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट और गंगा डेल्टा क्षेत्र सुंदरवन में मौर्य युगीन सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं। लगभग 10 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला दुनिया के सबसे बड़े मैन्ग्रोव का जंगल क्षेत्र में जो पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, उनसे पता चलता है कि मगध का मौर्य शासन इस इलाके तक फैला हुआ था। ईसा पूर्व 322-195 के इन अवशेषों के आधार पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि अगले 600 वर्षों तक यहां सभ्यता आबाद थी। मौर्य युग के बाद शुंग और गुप्त काल तक यहां सभ्यता आबाद रही।