ट्रिनिटी वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय दलित अधिकार आयोग (आईसीडीआर) और वैश्विक सम्मेलन आयोजन समिति (जीसीओसी) द्वारा किया जा रहा है।
देशभर के आंदोलनकारी संगठनों ने मिलकर एक नया फोरम बनाया है। फोरम का नाम ऑल इंडिया पीपल्स फोरम (एआइपीएफ) रखा गया है। इस फोरम का मुख्य मकसद साम्प्रदायिकता और कॉरपोरेट समर्थक सरकारी नीतियों का विरोध करना है।
पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन ने सोमवार को अलग-अलग याचिकाएं दायर कर एयरेसल-मैक्सिस सौदा मामला चलाने के विशेष टूजी अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन भेजे जाने के खिलाफ आंदोलन पर उतरे थे। साथ ही वह मोदी सरकार की नीतियों पर भी अपना गुस्सा उतार रहे थे।
भूमि अध्यादेश के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर विरोध जारी है। आज कांग्रेस पार्टी ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इसमें हिस्सेदारी की।
जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर अन्ना आंदोलन जारी था और इधर दिल्ली के कॉन्सटीट्यूटशन क्लब में किसानों के हकों की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की इसी मुद्दे पर अलग से प्रैसवार्ता चल रही थी। अन्ना आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना था कि उनके साथ देशभर के सभी किसान संगठन हैं जबकि किसानों का महत्वपूर्ण संगठन बीकेयू इसी मुद्दे पर अन्ना से अलग रहा।
बसपा प्रमुख मायावती ने आज कहा कि केंद्र की नीतियां प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और इसमें काम कम और बातें ज्यादा हैं। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। विगत में जो सभी बातें कही गयी हैं, उसे ही विभिन्न तरीके से पेश किया गया है।