प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।
देश में जरूरतमंद बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लैक्सेस इंडिया ने बीड़ा उठाया है। इससे पहले ही लैंक्सेस ने ‘टीच फॉर इंडिया’ कार्यक्रम की शुरूआत की थी। एक साल बाद ही कंपनी ने इस योजना का जबदस्त विस्तार करने का निर्णय लिया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार से मिले मजबूत प्रोत्साहन की मदद से हाउस ऑफ कॉमन्स के सांसदों ने इस्लाम को लेकर भय दूर करने में मददगार भावी कदमों के लिए एक रास्ता तैयार कर लिया है।
भारत के कट्टर हिंदू सांसदों को इससे सीख लेनी चाहिए। अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सांसद तुल्सी गेबार्ड लोगों का सम्मान करने वाले बहुलवादी समाज की पैरोकार हैं। उनके अनुसार कट्टरता हिंदुओं के हित में नहीं है। उनके अनुसार कट्टरता से उपजे घृणा अपराधों की वजह से ही अमेरिका में भारतीय मूल के लोग खतरे में हैं।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 48,000 करोड़ रुपये का बजट आज पेश किया। इसमें मुख्य रूप से परिवहन, स्वास्थ्य, जल वितरण और शिक्षा संबंधी ढांचागत सुविधाओं में सुधार पर जोर दिया गया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीडीपी आंकड़ों को लेकर विशेषज्ञों पर सवाल उठाने के लिए मोदी सरकार को दुनिया की सबसे बड़ी बुद्धिजीवी-विरोधी सरकार बताया और कहा कि अर्थव्यवस्था को नोटबंदी के विनाशकारी प्रभाव से पार पाने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा।
छात्र राजनीति में आंदोलन, हड़ताल, हिंसा की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुए टकराव में भयावह शब्दों के साथ घृणित हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस्लामी शिक्षा के बड़े संस्थान में उर्दू-अरबी और फारसी की पुरानी रचनाओं का होना कोई बडी बात नहीं। लेकिन इस्लाम से संबंधित पुस्तकों के जखीरे में संस्कृत में रचित ऋगवेद से लेकर रामायण व भगवत गीता को करीने से संजोकर रखा जाए तो यह काफी रोचक बात है। देवबंद के मशहूर इस्लामी शिक्षा केन्द्र दारूल उलूम में ये प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथ कुरान समेत मजहबी इस्लामी शिक्षा से जुड़ी पुस्तकों के साथ प्रमुखता से उसके पुस्तक खजाने का हिस्सा हैं।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों की किशोर छात्राओं को मासिक धर्म पर शिक्षित करने के उद्देश्य से एक एनजीओ स्कूलों में पीरियड टॉक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें छात्राओं को मासिक धर्म से संबंधित बराबर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिये जायेंगे।