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Search Result : "सामाजिक न्याय"

जाने-माने पत्रकार प्रफुल्‍ल बिदवई का एम्‍सटर्डम में निधन

जाने-माने पत्रकार प्रफुल्‍ल बिदवई का एम्‍सटर्डम में निधन

वामपंथी विचारधारा के जाने-माने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्‍ल बिदवई का एम्‍सटर्डम में निधन हो गया है। एक रेस्तरां में मांस का एक टुकड़ा उनके गले में फंस गया और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विराेधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय जनता दल ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से निकाले जाने को लेकर पप्पू यादव ने आउटलुक से कहा कि वह इस फैसले से निराश नहीं हैं और सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने दम पर लड़ते रहेंगे।
किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’
किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

हमारी सरकार यह कहकर जनता का समर्थन जुटा रही है कि नया किशोर न्याय विधेयक 16 से 18 साल के उन बच्चों के लिए है जो वयस्कों की तरह जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं लेकिन इसमें उसी पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया है जिसके लिए यह विधेयक बनाने का सुझाव दिया गया था।
ये दिल मांगे न्याय

ये दिल मांगे न्याय

करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
ग्रीनपीस के समर्थन में एकजुट हुए सामाजिक कार्यकर्ता

ग्रीनपीस के समर्थन में एकजुट हुए सामाजिक कार्यकर्ता

देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे सरकारी दमन की निंदा की। सरकार के दमन की कार्रवाई के खिलाफ 180 संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में सामाजिक न्याय और गरीब-मजलूमों के अधिकार के लिये आंदोलन का इतिहास रखने वाले संगठनों पर हो रही दमन की कार्रवाई को शर्मनाक और निराशाजनक कहा है।
भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश की 7 बड़ी खामियां

भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश की 7 बड़ी खामियां

बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्‍यादा से ज्‍यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्‍पतालों, स्‍कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्‍हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्‍सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्‍या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्‍तव में नहीं।
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