कामदुनी सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में अदालत ने आज तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने तीन अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी।
इंफोसिस कंपनी के पुणे परिसर में कार्यरत एक महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। महिला ने आरोप लगाया कि वहीं काम करने वाले दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने महिला से बलात्कार के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
आक्रोश और उन्माद हिंसा दे सकते हैं, न्याय नहीं, राज्यसभा में किशोर न्याय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) विधेयक-2015 के पारित होने से यही बात फिर से साबित हुई है। उंन्मादित जनता बस 16 दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार (निर्भया) के किशोर अपराधी का खून मांगने निकली थी, सरकार ने उसके दामन में देश भर के बच्चों को अपराधी बनाने का दाग भर दिया। जी हां, किशोर न्याय विधेयक का बर्बर बलात्कार और हत्यायों से कोई खास रिश्ता नहीं है। यह विधेयक किसी भी ‘जघन्य’ अपराध के आरोपी किशोरों के साथ व्यस्क अपराधियों सरीखा व्यवहार करने, उन पर वयस्क अदालतों में मुकदमा चलाने और उन्हें वयस्कों के लिए बनी जेल में भेजने का रास्ता खोलता है।
निर्भया बलात्कार कांड के नाबालिग मुजरिम के बाल सुधार गृह से 21 दिसंबर को छूटने के बाद भी उस मसले पर बहस जारी है और नए बाल अपराध कानून को लेकर मशक्कत चल रही है। इस संबंध में इस संवाददाता को उस समय का एक प्रसंग याद रहा है।
पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
निर्भया के साथ दरिंदगी के आरोप में तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा हो रहे किशोर की सजा बढ़ाने की पुरजोर मांगों के बीच बदायूं स्थित उसके गांव में एक पक्ष उसके गांव में दाखिल होने का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच दोषी की रिहाई को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उसे बाल सुधार गृह से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
पॉप संगीत की दुनिया की मशहूर शख्सियत लेडी गागा उन महिलाओं के लिए दिलासा तो नहीं लेकिन नए जीवन की राह में प्रेरणा हो सकती हैं। गागा ने खुलासा किया है कि 19 साल की उम्र में वह बलात्कार का शिकार हुईं थीं। उन्होंने बताया कि इस भयावह अनुभव ने कैसे उनकी जिंदगी बदलकर रख दी।
एक दफा फिर रिश्ते तार-तार हो गए जब दादा और चाचा ने आठ वर्षीय अपनी ही घर की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया। बच्ची मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट की रहने वाली है। खबर है कि बच्ची के दादा और सौतेले चाचा कानपुर निवासी हैं और उन्होंने उसके साथ कानपुर में बलात्कार किया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निर्भया के माता-पिता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि 16 दिंसबर 2012 की रात दिल्ली में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी। कुछ दिन के बाद निर्भया की मौत हो गई थी।