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गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
भूमि अधिग्रहण पर आंदोलन करेगी आप

भूमि अधिग्रहण पर आंदोलन करेगी आप

आम आदमी पार्टी ने बुधवार को चेताया कि केंद्र अगर विवादित भूमि विधेयक पर आगे बढ़ता है तो पार्टी उसके खिलाफ अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाएगी। वहीं पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस विधेयक के विरोध में यहां एक रैली आयोजित कर रहे हैं।
आप रैली में किसान आत्महत्या

आप रैली में किसान आत्महत्या

आज जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला व्यक्ति राजस्थान के दौसा जिले का रहने वाला किसान गजेंद्र सिंह था। मौजूद लोगों के अनुसार उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी।
रैली से पहले राहुल मिले किसानों से

रैली से पहले राहुल मिले किसानों से

करीब दो महीने के अवकाश से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आयोजित होने वाली किसान रैली से पहले शनिवार को अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में विभिन्न राज्यों से आए किसानों से मुलाकात की और संप्रग के कानून में नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से किये गए बदलाव के बारे में उनकी राय मांगी।
राहुल की छुट्टियों पर भाजपा की चुटकी

राहुल की छुट्टियों पर भाजपा की चुटकी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कहां हैं, क्या कर रहे हैं इसको लेकर राजनीतिक दल चुटकी ले रहे हैं। कहीं राहुल के गायब होने को लेकर पोस्टर चिपकाएं जा रहे हैं तो कहीं एफआईआर तक लिखवाने की बात हो रही है। अब कहा जा रहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस द्वारा दिल्ली में आयोजित किसान रैली में प्रकट होंगे।
कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि मार्च 2014 तक के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है।
गरीबों के राशन पर पैसे का अड़ंगा

गरीबों के राशन पर पैसे का अड़ंगा

केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नकद भुगतान में तब्दील करने के लिए बड़ी खामोशी से कदम उठा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के आधार पर जो फैसला दिया था, उसे धता बताते हुए इस सुविधा को 100 फीसदी आधार कार्ड से जोड़ने जा रही है।
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