सिंहस्थ की कामयाबी से गदगद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वहां ड्यूटी करने वाले सरकारी मुलाजिमों को इनाम और मैडल से नवाज रहे हैं। मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए शिवराज अगले छह महीनों में दो बड़े आयोजनों की तैयारी में जुट गए हैं। इंदौर में अक्टूबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट और दूसरा, नवंबर से नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से नर्मदा बचाने के लिए पदयात्रा। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान आउटलुक के साथ बातचीत में शिवराज ने बेबाकी से जवाब दिए। पेश है राजेश सिरोठिया से उनकी बातचीत के संपादित अंश:
भाजपा समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल करने के लिए तरह तरह के जुगत लगा रही है। उसे लगता है कि सवर्ण उसके साथ हैं। लिहाजा वह पिछड़ी जाति पर अब डोरे डाल रही है। उज्जैन में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने दलित साधुओं के साथ कुंभ स्नान किया और संतों के साथ भोजन किया।
बड़ी मुश्किल से व्यावसायिक परीक्षा मंडल के दाग सिंहस्थ में साधु-संतों की सेवा के बाद धुले थे। पर ये घोटाले के दाग हैं जो पता नहीं क्यों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दामन से धुलना ही नहीं चाहते हैं। सिंहस्थ खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी चैन की सांस भी नहीं ली है, फुर्सत के दो पल भी नहीं काटे हैं कि घोटाले की बैचेन हवाएं मध्य प्रदेश और उससे बाहर लहराने लगी है।