सीरिया के वायुसेना अड्डे पर मिसाइल हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रूस के बीच टकराव हो गया है। अमेरिका ने जहां इस मसले पर और अधिक कार्रवाई की चेतावनी दी वहीं रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसकी आक्रामक कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 देशों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संघर्ष को टालने की कोशिश करते हुए एक समझौता प्रस्ताव वितरित किया। यह प्रस्ताव सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले की पूर्ण जांच की मांग करने को लेकर दिया गया।
सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई हमले शुरु कर दिए हैं। अमेरिका सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर 60 से ज्यादा मिसाइलें दाग चुका है।
सीरिया और इराक से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसके लिए लगभघ 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा, तब जाकर सीरिया और इराक से जिंदा बमों का सफाया संभव हो सकेगा।
सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले को निंदनीय बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस तरह के कृत्य ओबामा प्रशासन की कमियों का परिणाम हैं। इस हमले में 58 लोगों की मौत हो गई है।
उत्तरी सीरिया के एक गांव में स्थित मस्जिद पर हुए हवाई हमलों में 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 से अधिक लोग घायल हो गए। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने इस खबर की जानकारी दी।