पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीडीपी आंकड़ों को लेकर विशेषज्ञों पर सवाल उठाने के लिए मोदी सरकार को दुनिया की सबसे बड़ी बुद्धिजीवी-विरोधी सरकार बताया और कहा कि अर्थव्यवस्था को नोटबंदी के विनाशकारी प्रभाव से पार पाने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा।
जाने माने नोबेल पुरस्कृत अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को लगता है कि भारत में भय का माहौल व्याप्त है। देश के विश्वविद्यालयों पर खतरा मंडराने लगा है। बोलने की आजादी पर बंदिश लगाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने नोटबंदी के केंद्र सरकार के कदम को अजीबोगरीब करार दिया है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का चांसलर हिंदुत्व के एक पैरोकार को बनाए जाने को लेकर भी मोदी सरकार की खिंचाई की है।