सरकार ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय सूचना आयुक्त केवल इस आधार पर आरटीआई आवेदन और शिकायतों को वापस नहीं करेंगे कि आवेदन के साथ फोटो पहचान पत्र नहीं लगाया गया है।
अमेरिका की एक अदालत ने ओबामा प्रशासन द्वारा नरेंद्र मोदी के अमेरिका में प्रवेश पर लागू प्रतिबंध को हटाने के निर्णय से संबद्धित सभी दस्तावेज को फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया है। अमेरिकी अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद वहां के विदेश विभाग को यह निर्देश जारी किया है।
दिल्ली पुलिस को लश्कर ए तैयबा के दो सदस्यों की तलाश है जिन्होंने विशिष्ट लोगों को निशाना बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में आत्मघाती हमले करने की साजिश रची है। पुलिस सूत्र से मिली जानकारी में बताया गया है कि इस साजिश का खुलासा उस वक्त हुआ जब दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो संदिग्ध सदस्यों दुजाना और उकाशा के भारत में घुसपैठ करने के बारे में खुफिया सूचना मिली।
म्यांमार के चुनाव में अपनी लोकतंत्र समर्थक पार्टी के ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ने के साथ आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति और वहां की शक्तिशाली सेना के साथ राष्ट्रीय सुलह की बातचीत का आह्वान किया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की योजना के तहत अगले कुछ दिनों में कर छूटें खत्म करने का खाका पेश करेगी। इसके पहले चरण की घोषणा बजट में होगी।
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से अभिनेता गजेंद्र चौहान को हटाने की छात्रों की मांग को लेकर 100 दिन से अधिक समय से जारी गतिरोध समाप्त करने में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों और एफटीआईआई छात्रों के बीच आज ताजा दौर की बैठक असफल रही।
केंद्र सरकार ने नए मुख्य सूचना आयुक्त और केंद्रीय सूचना आयोग में कुछ अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बुधवार से आवेदन मंगाने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त (सीवीसी) विजय शर्मा का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है जबकि दस सूचना आयुक्तों की पारदर्शी टीम में तीन सूचना आयुक्तों का पद भी खाली है।
दाऊद इब्राहिम के खिलाफ भारत की ओर से गुप्त अभियान चलाए जाने की खबर को लेकर पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को ट्वीटर पर देनी पड़ी सफाई। इस मुद्दे पर पर सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए थे।
खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के स्वरों को पर्याप्त जगह देना ही नहीं बल्कि इन स्वरों का संरक्षण देना भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। मगर ऐसा लगता है कि हमारी केंद्र सरकार असहमति की छोटी से छोटी आवाज भी नहीं सुनना चाहती। तभी तो उसने देश के तीन बड़े समाचार चैनलों को याकूब मेमन की फांसी के कवरेज पर नोटिस जारी कर दिया है।