राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर कांस्टीट़यूशन क्लब स्थित मावलंकर हाल के परिसर में आयुर्वेद प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में आयुर्वेद औषधियों की कारोबारी कंपनियों ने लोगों को सेहत बेहतर रखने के मुख्य नुस्खे दिए। प्रदर्शनी में लगे स्टॉल देखकर लोगों को भारतीय योग और आयुर्वेद के संबंध में जानकारी मिली। आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने भी प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग दिया।
बीते कुछ समय से अस्पताल में भर्ती तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत को लेकर गलत और भ्रामक जानकारी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तमिलनाडु पुलिस ने अब तक 43 मामले दर्ज किए हैं।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका इजाद किया है जिससे किसी के खून के जरिए उस व्यक्ति को 10 साल बाद होने वाली हृदय की बीमारी का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
मोटापे का बच्चों की सेहत के साथ ही साथ उनके मनोविज्ञान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि बचपन का बुढ़ापा एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें बच्चों का वजन उनकी उम्र और कद की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। भारत में हर साल बच्चों में मोटापे के 10 मिलियन मामले दर्ज होते हैं। इस स्थिति को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इलाज काफी हद तक मदद कर सकता है।
दिल्ली में रहने वालीं 46 वर्षीय गृहिणी अंशु जैन डायबिटीज की मरीज थीं तथा वे डायपरटेंशन, डायसिलिपिडीमिया, अनिद्रा, खर्राटे आना, असंयमित तनाव, अंगों में समस्या तथा सरसोडिसिस से पीड़ित थीं। उनका वजन 127 किलो ग्राम ;बीएमआई 46 था, जब उन्होंने मोटाबोलिक व बेरिएटिक सर्जरी नवंबर 2012 में कराई। केवल 18 महीनों में उन्होंने 39 किलोग्राम वजन कम किया, उनके शरीर का भार 88 किलोग्राम तक आ गया और बीएमआई 30 पर आ गया। उनकी डायबिटीज की समस्या हल हो गई, साथ ही अन्य सहरुग्ण रोगों में भी कमी आई।
अभिनेता दिलीप कुमार को पिछले सप्ताह सांस लेने में दिक्कत पैदा होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब उनकी सेहत में सुधार हो रहा है लेकिन उन्हें कम से कम तीन दिन और अस्पताल में ही रहना होगा। 93 वर्षीय दिलीप कुमार को 16 अप्रैल को उपनगर बांद्रा के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सांस लेने संबंधी दिक्कत से जूझ रहे अभिनेता दिलीप कुमार की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है लेकिन डॉक्टरों के अनुसार उन्हें कुछ दिन और अस्पताल में रहना होगा।
हृदय रोग ने हमारे देश में एक महामारी का रूप ले लिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार सन् 2020 में एक तिहाई मौत का कारण हार्टअटैक पाया गया है। विडम्बना यह है कि इस बीमारी से होने वाली अधिकतर मौतों को रोका जा सकता है, अगर लक्षणों को पहचान कर सही वक्त पर इलाज कर किया जाये।
ग्लोबोकैन ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में लगातार तेजी से कैंसर के नए मामलों में इजाफा हो रहा है। ग्लोबोकैन का कहना है कि 2008 में प्रकाशित हुए आंकड़ों की तुलना में 7.05 फीसदी नए मामलों में वृद्धि हुई है। भारत में बढते कैंसर के मामले चिंता का विषय है। कैंसर के मुख्यतः कारक वायु व जल प्रदूषण, कीटनाशक, जीवनशैली, डाइट, तंबाकू, शराब और पान मसाला है। दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मृत्यु के बाद देश में कैंसर से मौत शीर्ष कारणों में से एक है।