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बिहार में 'पद्मावती' की रिलीज के पक्ष में नहीं नीतीश, कहा- भंसाली अपना रुख स्पष्ट करें

बिहार में 'पद्मावती' की रिलीज के पक्ष में नहीं नीतीश, कहा- भंसाली अपना रुख स्पष्ट करें

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज पर संशय बना हुआ है। कई राज्यों में फिल्म की रिलीज पर रोक लग...
गोरखपुर के अस्पताल में 30 बच्चों की मौत, वजह अभी स्पष्ट नहीं

गोरखपुर के अस्पताल में 30 बच्चों की मौत, वजह अभी स्पष्ट नहीं

यह अस्पताल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में आता है। मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। ऑक्सीजन की कमी या इंसेफलाइटिस की वजह से मौत की संभावना जताई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए स्पष्ट कानून बनाए सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए स्पष्ट कानून बनाए सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि संसद को ऐसे कानून बनाने चाहिए जिससे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए स्पष्ट नियम हों क्योंकि चुनाव आयोग ही निष्पक्ष चुनाव कराने में बेहद अहम भूमिका निभाता है।
जदयू के फैसले से तय होगी विपक्ष की रणनीति

जदयू के फैसले से तय होगी विपक्ष की रणनीति

राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जनता दल (यू) समर्थन देगा या नहीं, इसे लेकर पटना स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास में कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। बेशक नीतीश कुमार का झुकाव कोविंद के पक्ष में दिख रहा हो लेकिन कमेटी के फैसले के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी और इसी से तय होगी विपक्ष की अगली रणनीति।
कैसे नाकाम हुई किसान आंदोलन को दबाने की शिवराज की रणनीति?

कैसे नाकाम हुई किसान आंदोलन को दबाने की शिवराज की रणनीति?

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में, भाजपा सरकारों ने विरोध करने वाले किसानों से निपटने के लिए समान रणनीतियां इस्तेमाल की। उनकी सोच थी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संबद्ध संगठनों के साथ एक समझौता करके आंदोलन में फूट दाल दें।
मध्यप्रदेश में अनिल दवे की रणनीति से मिली थी भाजपा को सत्ता

मध्यप्रदेश में अनिल दवे की रणनीति से मिली थी भाजपा को सत्ता

अनिल माधव दवे, एक शौकिया पायलट, लेखक, पर्यावरणविद, नदी संरक्षणवादी, एक सांसद, पर्यावरण मंत्री और विभिन्न भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते रहे हैं। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। पर्यावरणविद अनिल माधव दवे का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर गांव में 6 जुलाई 1956 को हुआ था।