राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में खुले में शौच करती महिलाओं के फोटो लेने से रोकने पर नगर परिषद कर्मियों ने कथित रूप से एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। घटना को राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं भाकपा (माले) ने इसे स्वच्छता अभियान के नाम पर हत्या करार दिया है।
महाराष्ट्र में दूसरे राज्य से आने वाले लोगों पर लगातार निशाना साधने वाली शिवसेना ने इस बार राज्य के शहरों के स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ जाने का ठीकरा भी इसी समुदाय पर फोड़ दिया है। वैसे पार्टी ने इस रैंकिंग की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के शीर्ष 100 साफ शहरों में राजधानी लखनऊ का नाम शामिल नहीं होने को चिंता का विषय बताते हुए प्रदेश में स्वच्छता के प्रति अपनी गंभीरता दर्शाने के लिए झाड़ू थाम ली।
केंद्र सरकार ने 2017 में किए गए सर्वे के बाद स्वच्छ शहरों की सूची पेश की है उसमें कुछ शहरों को निचले पायदान पर रखा गया है। वहीं कुछ शहरों को एक-दो सालों के अंतराल में ही शीर्ष स्थान में शामिल किया गया है। सरकार के मापदंडों के आधार पर शहरों का क्रम विकास के पैमाने को अवश्य परिभाषित कर रहा है लेकिन कुछ खास शहरों का पीछे रह जाना कुछ सवाल भी पैदा कर रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल ने बाजी मार ली है। लेकिन कई शहर साफ-सफाई के मामले में पिछड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहर तो सबसे निचले पायदान पर हैं।