उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के शीर्ष 100 साफ शहरों में राजधानी लखनऊ का नाम शामिल नहीं होने को चिंता का विषय बताते हुए प्रदेश में स्वच्छता के प्रति अपनी गंभीरता दर्शाने के लिए झाड़ू थाम ली।
केंद्र सरकार की ओर से कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल ने बाजी मार ली है। लेकिन कई शहर साफ-सफाई के मामले में पिछड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहर तो सबसे निचले पायदान पर हैं।
केंद्र सरकार द्वारा देश के 434 शहरों एवं नगरों में कराये गए स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद स्वच्छ भारत रैंकिंग में इंदौर ने बाजी मार ली है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू आज एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की।
केंद्र सरकार ने 2017 में किए गए सर्वे के बाद स्वच्छ शहरों की सूची पेश की है उसमें कुछ शहरों को निचले पायदान पर रखा गया है। वहीं कुछ शहरों को एक-दो सालों के अंतराल में ही शीर्ष स्थान में शामिल किया गया है। सरकार के मापदंडों के आधार पर शहरों का क्रम विकास के पैमाने को अवश्य परिभाषित कर रहा है लेकिन कुछ खास शहरों का पीछे रह जाना कुछ सवाल भी पैदा कर रहा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने नकली और बिना मानक गुणवत्ता वाली दवाइयों की समस्याओं के लिए एक सर्वेक्षण करने से संबंधित कार्य राष्ट्रीय बायोलॉजिकल्स संस्थान (एनआईबी), नोएडा को सौंपा था। एनआईबी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां विपक्ष के हमलों का एक-एक कर जवाब दिया, वहीं नोटबंदी, बजट, स्वच्छता अभियान जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी सरकार की जोरदार ढंग से पक्ष रखा। इस मौके पर अपने चिरपरिचित अंदाज में पीएम विपक्षी नेताओं पर चुटकी लेने से भी नहीं चूके। पीएम ने अपने भाषण में आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान पर भी निशाना साधा।
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को साफ लग रहा है कि वह पंजाब में हार रहे हैं। इसलिए वह ऐसी बातें कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि पीएम मोदी लोकसभा को नहीं किसी जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
भारत में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता हमेशा से संदेहास्पद रही है और लगता है कि ये स्थिति इस बार यूपी के चुनाव में भी नहीं बदलने वाली है। यूपी के विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में सिर्फ 11 दिन शेष हैं और इस बीच दो समाचार चैनलों द्वारा अलग-अलग एजेंसी से करवाए गए सर्वे के अनुमान बताते हैं कि यूपी में भारतीय जनता पार्टी या सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन सकती है।
एक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में त्रिशंकु विधानसभा का पूर्वानुमान लगाया गया है जबकि उत्तराखंड में भाजपा को स्पष्ट बहुमत बताया गया है।
नोटबंदी के कारण अपनी नौकरी गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा पता करने के मकसद से कांग्रेस समूचे देश में सर्वेक्षण कर रही है, ताकि केंद्र की भाजपानीत सरकार को घेरा जा सके।