मध्य प्रदेश के हरदा इलाके में हुई दोहरी ट्रेन दुर्घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा की पोल खोल दी है। लंबे समय से रेलवे की पटरियों के रख-रखाव, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के समय ट्रेनों के परिचालन से जुड़े अहम बिंदुओं पर ध्यान देने की मांग उठती रही है, लेकिन रेल मंत्रालय की इस ओर अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है।
राजस्थान में महिलाओं को डायन बताकर प्रताड़ित करने की घटनाओं को रोकने के लिए कानून तो बन गया। लेकिन यह कानून अब तक जमीन पर नहीं उतरा है। पुलिस इस कानून से बेखबर है और औरत पर सितम ढाने वाले बेखौफ।
दलितों पर अत्याचार का गढ़ बनते जा रहे नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंगों की हिंसा के शिकार एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने जमीन विवाद में तीन दलित कों ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था, जबकि करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह घायल हैं।
मिड डे को दिए गए अपने एक साक्षात्कार में सोमी ने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह भी दुष्कर्म का शिकार हुईं थीं जब वह सिर्फ पांच साल की थीं। उन्होंने बताया, ‘मेरे साथ दुष्कर्म हुआ जो घर के ही नौकर ने किया था।
सामूहिक बलात्कार की शिकार बुजुर्ग नन को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पीड़िता के साथ यह घटना पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रानाघाट स्थित एक कॉन्वेंट में हुई थी।
बंगलूरू से एर्नाकुलम जा रही ट्रेन के पटरी से उतर जाने पर 10 लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा होसूर के पास बेलागोंडापल्ली गांव के पास हुआ। हादसे के बाद एक फिर रेलवे मंत्रालय पर सवाल उठने लगे हैं।