जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पाबंदी लगाने के करीब तीन महीने बाद स्थानीय अंग्रेजी दैनिक कश्मीर रीडर आज फिर से बाजार में आ गया। सरकार ने इस अखबार पर यह आरोप लगाते हुए रोक लगा दी थी कि इसका प्रकाशन घाटी में शांति व्यवस्था के लिए खतरा है।
21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
संस्थापक पं. जगतराम आर्य की जयंती/स्थापना-दिवस पर हुई किताबघर प्रकाशन की संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपना देश और मीडिया विषय पर जोरदार बहस की। ‘सवाल’ को ले कर ‘हल्का बवाल’ भी हुआ। पांडुलिपि पर दिया जाने वाला आर्य स्मृति सम्मान इस बार नहीं दिया जा सका।
अभिनेता आमिर खान को उम्मीद है कि उनकी आगामी फिल्म दंगल सरकार के नोटबंदी के फैसले से प्रभावित नहीं होगी। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद रीलीज हुई कई हिंदी फिल्मों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है।