प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या को तीसरा और संभवत: आखिरी समन जारी कर उन्हें 9 अप्रैल को मुंबई में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्ण नियोजित व सोची समझी रणनीति के तहत बीते छह साल में उसकी लगभग 1.4 अरब डॉलर मूल्य की गैस निकाल ली। ओएनजीसी ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज से उक्त राशि का पूरा मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की मांग की है।
दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट को बुधवार शाम हवाई अड्डे के करीब एक बड़ा गुब्बारा देखे जाने की सूचना मिलने पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। हालांकि जांच के बाद वह गुब्बारा मौसम विभाग का निकला।
उच्चतम न्यायालय ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी का और विनिवेश करने से सरकार को मंगलवार को रोक दिया। इस संस्थान का प्रबंधन वेदांता की सहायक कंपनी के पास है।
कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर तलब करने के लिए दायर एक याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। यह याचिका कोयला घोटाले के एक आरोपी की ओर से दायर की गई थी।
न जाने बच्चों की कितनी पीढ़ियां 1952 में आई फिल्म जागृति के गाने 'आओ बच्चो, तुम्हें दिखाएं...’ की समधुर धुन सुनकर देश को जाना होगा और शायद भूगोल और इतिहास की किताबों की तुलना में इन गानों के जरिये ज्यादा आसानी से अपने राष्ट्र पर गर्व महसूस किया होगा। ट्रेन यात्रा बच्चों के लिए हमेशा रोमांचक रही है।
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर जारी सियासी हलचल के बीच एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने आने वाले 21 जनवरी को लखनऊ में अपने शेयरधारकों की आम सभा बुलाई है। एजेएल ने यह बैठक कंपनी के स्वरूप को व्यवसायिक से गैर-लाभकारी में तब्दील करने पर शेयरधारकों की रजामंदी हासिल करने के उद्देश्य से बुलाई की है।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
अभिनेता टॉम ऑल्टर ने किसी दिन कहा, भारत हमेशा से असहिष्णु देश रहा है। क्या हमने आजादी के सिर्फ 5 महीने के अंदर महात्मा की हत्या नहीं कर दी? क्या सरकारों ने पुस्तकों, नाटकों, फिल्मों और प्रदर्शनियों को प्रतिबंधित नहीं किया?