Advertisement

Search Result : "हिंदू संस्कृति"

आईएसआईएस ने ही की बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की हत्या

आईएसआईएस ने ही की बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की हत्या

खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश में भारत की सीमा से सटे एक मंदिर के हिंदू पूजारी की नृशंस हत्या का दावा किया है। बंदूक और चाकू के इस्तेमाल से की गई पुजारी की हत्या हिंदुओं के खिलाफ इस आतंकी संगठन का पहला हमला है।
पाक में हिंदू विवाह अधिनियम लागू करने वाला पहला प्रांत बना सिंध

पाक में हिंदू विवाह अधिनियम लागू करने वाला पहला प्रांत बना सिंध

पाकिस्तान की सिंध विधानसभा ने आज हिंदू विवाह अधिनियम पारित कर उसे देश का ऐसा पहला प्रांत बना दिया जहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय अपनी शादियों का पंजीकरण कराएगा। हालांकि, एक प्रमुख हिंदू संगठन ने इस ऐहितासिक विधेयक से एक विवादास्पद उपबंध हटाने की मांग की है।
सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

ढोल, मृदंग, वीणा, हारमोनियम, तबला, बांसुरी सहित करीब चालीस से अधिक वाद्य यंत्रों की एक साथ गूंज के साथ नृत्य, शांति, ध्यान और अन्य कलाओं की प्रस्तुति पूरी दुनिया के लिए एक आकर्षण होगी। इस आकर्षण का हिस्सा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश दुनिया की जानी-मानी हस्तियां भी होगी। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था 'द आर्ट ऑफ लिविंग’ की ओर से आयोजित होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक सम्मेलन में 155 से अधिक देशों के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। भारत में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सम्मेलनों का आयोजन तो समय-समय पर होता रहा है लेकिन अपने तरह के अनूठे कार्यक्रम के आयोजन पर लोगों की खास नजर भी है। क्योंकि भारत में आध्यात्मिक आयोजन के पीछे कोई न कोई राजनीतिक मंशा भी छिपी रहती है। हाल ही में श्रीश्री रविशंकर को पद्म विभूषण सम्मान से सरकार ने सम्मानित भी किया। हालांकि इससे पहले श्रीश्री ने यह पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था।
वेलेंटाइन डे का विरोध करते बजरंग दल, वीएचपी कार्यकर्ता पकड़े

वेलेंटाइन डे का विरोध करते बजरंग दल, वीएचपी कार्यकर्ता पकड़े

वेलेंटाइन डे समारोहों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कई कार्यकर्ताओं को हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में ले लिया गया। दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किये जाने की आशंका को लेकर पुलिस ने हैदराबाद में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
पाकिस्तान: हिंदू विवाह विधेयक को संसदीय समिति ने दी मंजूरी

पाकिस्तान: हिंदू विवाह विधेयक को संसदीय समिति ने दी मंजूरी

पाकिस्तान में दशकों के विलंब और निष्क्रियता के बाद हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के पास अब जल्दी ही एक विवाह कानून होगा। देश के संसदीय पैनल ने हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दे दी है।
राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का कहना है कि सरकार राम मंदिर मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण के संबंध में कोई फैसला करेगी।
'सिर्फ हिंदू कट्टरपंथियों पर सवाल क्‍यों उठाते हैं सेक्‍युलर'

'सिर्फ हिंदू कट्टरपंथियों पर सवाल क्‍यों उठाते हैं सेक्‍युलर'

देश में असहिष्‍णुता पर छिड़ी बहस के बीच बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि उनके विचार में भारत एक असहिष्णु देश नही है। लेकिन उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि देश में धर्मनिरपेक्ष लोग केवल हिंदू कट्टरपंथियों पर ही सवाल क्यों उठाते हैं, मुस्लिम कट्टरपंथियों को क्‍यों छोड़ देते हैं। तसलीमा ने कहा कि छद्म-धर्मनिरपेक्षता पर आधारित लोकतंत्र कभी सच्चा लोकतंत्र नहीं है।
मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं कुछ हिंदू समूह: अख्तर

मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं कुछ हिंदू समूह: अख्तर

जाने-माने गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने कहा है कि कुछ हिंदू समूह अब मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। और यदि इस प्रकार के तत्वों को छोड़ दिया जाए तो भारतीय समाज हमेशा सहिष्णु रहा है।
चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्‍णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्‍था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?
‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

मैं अयोध्या के बाराबंकी कस्बे का रहने वाला हूं। मैंने अपने इलाके और उसके आसपास कभी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर नफरत का माहौल नहीं देखा। इस माहौल की शुरूआत दिल्ली से हुई। सन 1947 में हमारी जमीन बंटी और 1992 में हमारे दिल बंट गए। जिस दिन हमारे दिल बंटे, वह दिन हमारे लिए सबसे बदनसीब दिन था। चुनाव जीतने के चक्कर में हमारी नस्लें बरबाद हो गईं। हैरान हूं कि यह लोग अभी भी चैन से नहीं बैठ रहे हैं। आखिर यह इस मुद्दे को कहां ले जाकर छोड़ना चाहते हैं?
Advertisement
Advertisement
Advertisement