बेन स्टोक्स, शार्दुल ठाकुर और जयदेव उनादकट की धारदार गेंदबाजी से राइजिंग पुणे सुपरजाइंट ने रायल चैलेंजर्स बेंगलूर को 27 रन से शिकस्त दी। आईपीएल-10 में यह पुणे की दूसरी जीत है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लगभग एक हजार वर्ष पुरानी भगवान गणेश की प्रतिमा को पहाड़ी से गिराकर खंडित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में नक्सलियों का हाथ हो सकता है।
भाजपा भले ही नोटबंदी को एक ‘पवित्र आंदोलन’ करार दे रही हो लेकिन कांग्रेस की नजर में यह देश की जनता और अर्थव्यवस्था को बेहद मुश्किल दौर में डालने वाला कदम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस बारे में पत्र लिख कर न सिर्फ सरकार से कई सवाल पूछे हैं बल्कि रिजर्व बैंक के स्तर पर जानकारी छिपाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज रात कहा कि अगर कोई एक बार में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा करता है तो कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा लेकिन बार-बार पैसा जमा करने पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को जमा करने संबंधी नियम कड़े किये जाने के बाद उन्होंने यह बात कही।
कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या यह संयोग है कि 1000 एवं 2000 रुपए के बड़े नोट भाजपा-राजग सरकार लेकर आई है तो ऐसे में आखिरकार कालेधन को कौन प्रोत्साहित कर रहा है?
मोदी सरकार ने वर्तमान के एक हजार रुपए के नोट को अवैध कर कालाधन को खतम करनेे की कोशिश की है। इसकी सराहना की जा रही है। इसी बीच सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी है कि बैन हुए एक हज़ार के नोट वापसी कर सकते हैं। अगले कुछ महीनों में एक हज़ार के नए नोट नए फीचर और डिजाइन के साथ वापसी कर सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य करने के फैसले से होने वाली असुविधाओं के कारण आम लोगों में जहां घबराहट पैदा हो गई, वहीं ट्विटर पर सक्रिय लोगाें ने सरकार के इस निर्णय और भविष्य में होने वाले असर पर खूब चुटकियां ली।
बैंकरों और उद्योग जगत के नेताओं ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के कदम को साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताकर इसका स्वागत किया और लेनदेन सुगम बनाने में अपनी प्रतिबद्धता जताई।
कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत केंद्र सरकार ने आज आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस फैसले का एलान किया।