‘भारत में वर्ष 2014 के बाद नाटकीय रूप से घृणा अपराधों, सामाजिक बहिष्कार और जबरन धर्मांतरण बढ़ गया है जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और दलितों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।’ अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था ने अपनी 22 पेजी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल सात ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लेकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।
हरियाणा के बिलासपुर उपमंडल अदालत ने राजस्थान के अलवर से भाजपा सांसद महंत चांदनाथ व एक अन्य को धोखाधड़ी के मामले में एक साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही महंत चांदनाथ को जमानत भी दे दी गई।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लगभग एक हजार वर्ष पुरानी भगवान गणेश की प्रतिमा को पहाड़ी से गिराकर खंडित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में नक्सलियों का हाथ हो सकता है।
चीन में चीनी नव वर्ष रूस्टर का स्वागत करने के लिए औपचारिक तौर पर एक हफ्ते की छुट्टी हो गयी है। लोग नव वर्ष को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए अपने मूल स्थान जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दलित-मुस्लिम-ब्रामण के समीकरण के बल पर अपनी नैया पार लगाने के प्रति आश्वस्त बहुजन समाज पार्टी :बसपा: ने गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते हुए 100 उम्मीदवारों के नाम का एेलान कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद और नए वर्ष की पूर्व संध्या पर गरीबों, निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। प्रधानमंत्री ने बैंकों से कहा है कि उनके पास जो बडी राशि आयी है उनसे वे गरीबों, निम्न वर्ग और मध्यम वर्गों पर केंद्रित कार्यक्रमों पर ध्यान दें।
स्वागत, अभिनंदन, जयकार, हर्षनाद- 2017 की अगवानी के लिए। भारत दुनिया भर के देशों में अपनी परंपरा और प्रकृति के प्रति गहरी आस्था रखने वाला राष्ट्र है। युगों-युगों के बदलाव हमने देखे हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों में हमारे देश में सजा बहुत कम हो पाती है। जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के हर सौ मामले में सिर्फ 19 मामलों में ही आरोपी को सजा हो पाई है। एक स्वयंसेवी संस्था पिछले 15 सालों के आपराधिक आंकड़ों के सर्वे में इन चौंकाने वाले तथ्यों को लेकर सामने आई है।